कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने सोमवार रात को कैबिनेट बैठक कर कई बड़े अहम फैसले लिए हैं। इस बैठक में उन्होंने NEET सहित तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी है। तीनों प्रस्ताव राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET), ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और लोकसभा व राज्य विधानसभाओं के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के खिलाफ हैं।
कर्नाटक कैबिनेट ने NEET, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’, परिसीमन के खिलाफ प्रस्तावों को मंजूरी दी। सूत्रों ने कहा कि इन प्रस्तावों को विधानमंडल के चालू सत्र के दौरान आज पेश किए जाने की संभावना है। बताया जाता है कि कैबिनेट ने ‘ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल 2024’ को भी मंजूरी दे दी है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के पुनर्गठन के लिए पूर्व मुख्य सचिव बीएस पाटिल के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय समिति ने इस महीने की शुरुआत में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा को रद्द करने के लिए की थी मांग
कहा जाता है कि मसौदा विधेयक में, समिति ने शहर पर शासन करने के लिए योजना और वित्तीय शक्तियों के साथ एक ग्रेटर बेंगलुरु प्राधिकरण (जीबीए) के निर्माण का प्रस्ताव रखा है, और यह कई निगमों का भी प्रावधान करता है और 400 वार्डों तक का प्रावधान करता है।
द्रौपदी मुर्मु को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर सौंपी थी रिपोर्ट
नीट पर चल रहे विवाद के बीच, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने हाल ही में केंद्र से राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा को रद्द करने और राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक साथ चुनाव पर गठित उच्च स्तरीय समिति ने मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया 2024 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू होगी।
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