नई दिल्ली 24 जुलाई।वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आम बजट में कुछ राज्यों के साथ भेदभाव बरतने के आरोप को खारिज किया है।
श्रीमती सीतारामन ने आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष लगातार यह धारणा बनाने का प्रयास कर रहा है कि विपक्षी दलों वाले राज्यों को बजट में कुछ नहीं दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी बजट में हर राज्य का नाम नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर किसी विशेष राज्य का उल्लेख बजट भाषण में नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं कि र्केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ उन राज्यों को नहीं मिलेगा।
सवेरे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि केन्द्रीय बजट सरकार को बचाने का प्रयास था। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसका विरोध करेगा। ये तो अन्याय के खिलाफ लड रहे हैं वो बजट में हमको कुछ नहीं मिला। सारे बहुत से स्टेट को नेगलेक्ट किया गया। ईवन बिहार और आन्ध्र प्रदेश को सिर्फ उनको जस्ट सेटिसफाई उन्होंने किया लेकिन उससे कोई फायदा होने वाला है नहीं। श्री खडगे ने यह भी कहा कि विकास कैसे होगा जब बजट ही संतुलित नहीं है। बाद में विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किया।
इससे पहले, विपक्षी सांसदों के स्थगन नोटिस को खारिज करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं को इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि यह सदन की हर बैठक में एक नियमित मामला बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह पहले ही संकेत दे चुके हैं कि असाधारण परिस्थितियों में ऐसे नोटिस स्वीकार किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 36 वर्षों में केवल छह अवसरों पर स्थगन नोटिस स्वीकार किए गए।