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कांकेर: धड़ल्ले से चल रहा है सट्टे का कारोबार, रोजाना लग रहे है लाखों के दांव

कांकेर जिले में जुएं सट्टे का कारोबार जोरों पर है। हर गांव मोहल्ले में रोजाना नए खईवालों के तादात में इजाफा हो रहा है,अपराधों को रोकने वाले पुलिस के हथकंडे फेल होने से सट्टाबाजों का हौसले बुलंद है। अलाम ये है की इसके चुंगुल में सबसे ज्यादा युवाओं का भविष्य तबाह हो रहे है और सट्टेबाज इस कारोबार से लाखों कमा रहे है। जिले में चल रहे अवैध जुआ सट्टा कारोबार की बात कि जाए तो जिले में नासूर की तरह फैला चुका ये अवैध कारोबार कोरर सहित चारामा इलाके में बेधडक संचालित है और स्थानीय पुलिस इस कारोबार से बेखबर है या सट्टेबाज को संरक्षण दे रही है ये सवालिया निशान है।

कोरर और चारामा इलाके में चल रहे सट्टा कारोबार की बात की जाए तो इस कारोबार में रोजाना कारोबार लाखों दाव खाईवाल घर बैठे मोबाईल से संचालित करर रहे हैं और सट्टे में हार जीत का दांव लगाने अपनी गाढ़ी कमाई इस खेल में गंवाकर बर्बाद हो रहे हैं। जिले के कई इलाकों में चल रहे अवैध जुआ सट्टा के कारोबार पर पुलिसिया आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक़ जनवरी से जून माह तक जुआ मामले में कुल 13 प्रकरण दर्ज 15 लोगों के विरुद्ध कार्यवाही कर 55,990 रूपये जब्त किया गया और वही सट्टा के 22 प्रकरण 81 लोग के विरुद्ध कार्यवाही कर 1,41,680 रूपये बरामद हुए है जुआ और सट्टा के आंकड़ों से ही साफ़ है की सट्टा का कारोबार कैसे बेधड़क संचालित हो रहा है और रोकने वाले छोटे मोटे सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई कर अपने डायरी मेंटेन किया जा रहा है।

क्राइम बैठक का नहीं हो रहा असर
नये अपराध को रोकने व् पुराने मामलों के निबटारा के लिए पुलिस विभाग के आला अफसर हर माह में एक बार तो तमाम पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की बैठककर छोटे बड़े अपराधों पे जानकारी लेते है जिसमें नक्सल मसले के साथ अन्य अपराधों पर भी आला अफसर अपराधों को रोकने के भी निर्देश देते है लेकिन जिस तरह जुआ और सट्टा का कारोबार संचालित हो रहे है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कनिष्ट पुलिस अधिकारी कही ना कही उन आदेश निर्देशों को अनदेखा कर रहे है और नतीजा ये है की जुआ सट्टा के कारोबार में इजाफा हो रहा है और सट्टेबाजों को इसका भरपूर मुनाफ़ा मिल रहा है

कानून की पहुँच से दूर हाईटेक खाईवालों
जैसे जैसे बस्तर पुलिस आधुनिक हो रही है वैसे वैसे इस अवैध कारोबार से जुड़े खाईवाल और सटोरी भी हाईटेक हो चुके है अब सट्टे का कारोबार कागज कमल की जगह मोबाईल और एप्लीकेशन से संचालित होते है बीते मई महीने में स्वस्तिक और बेटओनली एप से आईपीएल में खुलेआम सट्टा का कारोबार जिले में चलता रहा मीडिया ने भी जमकर सट्टे के कारोबार पर मामला उजागर किया और पुलिस ने कार्यवाही का दावा किया लेकिन आईपीएल मैच खत्म भी होगा लेकिन नगर का हाईटेक खाईवाल आज भी कानून की गिरफ्त से बाहर है

सामजिक बुराई पर विपक्ष खामोश
प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी तब महादेव सट्टा एप को लेकर भाजपा ने जमकर मौजूदा सरकार पर हमला किया लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद आज जब भाजपा राज में सट्टे का कारोबार जोर पर है तो विपक्ष पुरी तरह हो इस सामजिक बुराई पर किसी तरह का अपना विरोध दर्ज तक नहीं करा पा रही है अब सवाल सीधा है इस अवैध कारोबार पर कैसे लगाम लग पायेगा।