मुबंई 05 अक्टूबर।भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की चौथी द्विमासिक समीक्षा में सभी दरों को पूर्व स्तर पर बनाए रखने की घोषणा की है।
बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति ने रेपो दर साढे छह प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो दर छह दशमलव दो-पांच प्रतिशत बनाए रखने का फैसला किया।
रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और तीव्र होते अंतर्राष्ट्रीय व्यापर संघर्ष का दुष्परिणाम भारत की वृद्धि दर और महंगाई पर हो सकता है।उन्होने कहा कि अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के मुकबले भारतीय मुद्रा में गिरावट काफी हद तक नियंत्रित है।
उन्होंने कहा की रुपये की कीमत बाजारी दबाव तय करते हैं और रिज़र्व बैंक रुपये के विनिमय दर को नियंत्रण में रखने की कोई कोशिश नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया की भारत के पास इस समय विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 400 अरब डॉलर्स है जो कम से कम दस महीने के आयत के लिए पर्याप्त हैं।
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