नई दिल्ली 20 अगस्त।विपक्षी दलों के आक्रामक रूख और सहयोगी दलों के भी विरोध को देखते हुए आखिरकार केंद्र सरकार ने कदम पीछे खींचते हुए यूपीएससी को नौकरशाही में ‘लेटरल एंट्री’ से संबंधित नवीनतम विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष को पत्र लिखकर विज्ञापन रद्द करने को कहा “ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।”यूपीएससी ने 17 अगस्त को ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से 45 संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी।
लोकसभा में विरोधी दल के नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबन्धन के दलों ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण अधिकारों का हनन हुआ है।