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युवाओं में खेती-किसानी के प्रति बढ़ती दिलचस्पी सराहनीय- रमन

रायपुर 27 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा है कि राज्य के युवाओं में खेती-किसानी के प्रति बढ़ती दिलचस्पी मन को आल्हादित करती है।यह देखकर खुशी होती है कि बहुत से युवा आईएएस, आईपीएस जैसी  सरकारी नौकरी और बड़े-बड़े पैकेज वाली निजी क्षेत्र की नौकरियां छोड़कर दूरस्थ अंचलों में खेती से जुड़ रहे हैं।

डा.सिंह आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित दो दिवसीय युवा किसान उद्यमी कार्यशाला के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’नये भारत के निर्माण संकल्प से सिद्धि अभियान’ के तहत  किया गया।शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस ने की।पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल और अखिल भारतीय किसान संघ के श्री दिनेश कुलकर्णी भी विशेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे।

उन्होने कार्यक्रम में वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा तैयार जिलेवार रणनीति की पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने राज्य के प्रगतिशील किसानों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

डा.सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक उद्यमियों के लिए राज्य सरकार और भी बेहतर नीति तैयार कर रही है।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ देश में अकेला राज्य है जो किसानों से सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करता है।डॉ.सिंह ने इस अवसर पर किसानों सहित उपस्थित कृषि विशेषज्ञों और नागरिकों को वर्ष 2022 तक कृषि आय दोगुनी करने, जैविक खेती और उच्च पैदावार वाले बीज अपनाने, मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने, एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाने, कृषि उत्पादों के सुरक्षित भंडारण और उन्हें अच्छा बाजार दिलाने के लिए कार्य करने का संकल्प दिलाया।

डॉ.सिंह ने कहा कि खेती करने वाले किसान सबसे बड़े विशेषज्ञ है।आज दंतेवाड़ा, बीजापुर, जशपुर और सूरजपुर क्षेत्र के छोटे-छोटे किसान आधुनिक तरीके से खेती करके अच्छी पैदावार ले रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों के प्रयासों से आज छत्तीसगढ़ उन्नत बीजों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बन गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है।

डा.सिंह के सम्बोधन के दौरान कुछ किसानों ने धान के बोनस का अचानक खड़े होकर मामला उठाया।उन्होने बोनस की मांग को लेकर विरोध व्यक्त किया।