केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पूरी होने के बाद आईएएस अधिकारी अमित कटारिया छत्तीसगढ़ वापस लौट आए हैं। आईएएस अफसर अमित कटारिया मंगलवार को मंत्रालय में अपनी ज्वाइनिंग दी। इस दौरान उन्होंने मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मुलाकात की। बात दें कि अमित कटारिया 2004 बैच के अधिकारी हैं। वे रायपुर और बस्तर में अहम पदों पर थे। 2017 से कटारिया केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। इसके बाद एक बार फिर वे छत्तीसगढ़ लौट आए हैं। नौकरी के शुरुआती दौर में आईएएस कटारिया केवल एक रुपए तनख्वाह लेते थे।
आईएएस अधिकारी अमित कटारिया जितने दिन छत्तीसगढ़ में रहे चर्चा में ही रहे। अमित कटारिया 2016 में सुर्खियों में आए थे उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान काला चश्मा पहन रखा था। इस दौरान वे बस्तर में कलेक्टर के पद पर थे। इस घटना को लेकर नोटिस भी जारी किया गया था। इसके बाद से कटारिया चर्चा में रहे।
कटारिया छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और गरियाबंद जिलों में कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अमित कटारिया नहीं बल्कि की चीजों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उनके साथ सत्ताधारी दल के नेताओं से अनबन का भी चर्चा रही है। जब वे रायगढ़ में कलेक्टर थे, तो उनका भाजपा नेता रोशनलाल अग्रवाल के साथ विवाद हुआ था। इसके अलावा रायपुर नगर निगम कमिश्नर के पद पर रहते हुए कटारिया की तत्कालीन महापौर सुनील सोनी से भी बहस हो गई थी।
गुड़गांव के रहने वाले अमित कटारिया ने दिल्ली से आईआईटी की है। बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें नौकरी का ऑफर मिला था। लेकिन वे आईएएस बनना चाहते थे। कटारिया कारोबारी परिवार से हैं। अमित कटारिया के परिवार का दिल्ली और उसके आसपास रियल एस्टेट का व्यवसाय है। उनकी पत्नी एक पेशेवर पायलट हैं।
बीते आठ माह में चार आईएएस अफसर राज्य लौट चुके हैं। इनमें एसीएस रिचा शर्मा, प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, सचिव अविनाश चंपावत, रितु सेन शामिल हैं। दूसरी ओर आईएएस रजत कुमार भी गुरुवार को अपनी ज्वाइनिंग करेंगे। आईएएस डॉ. रोहित यादव भी जल्द ही लौटने वाले हैं।