राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर परिसर का काम 30 जून, 2025 तक पूरा हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति की अयोध्या में हो रही तीन दिवसीय बैठक का शुक्रवार को दूसरा दिन था। जारी एक बयान में नृपेंद्र मिश्रा ने कहा,‘‘शिखर के निर्माण में लगभग 120 दिन लगेंगे। हमारा लक्ष्य दिसंबर तक था, लेकिन वह संभव नहीं हो पा रहा है। शिखर का निर्माण फरवरी 2025 तक पूरा होगा। वहीं, परिसर में बन रहे सप्त मंदिर की मूर्तियां जयपुर में बन रही हैं। ऋषि-मुनियों की मूर्तियों की स्थापना का कार्य दिसंबर 2024 तक पूर्ण हो जाएगा।
’30 जून 2025 तक पूरा हो जाएगा काम’
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि राम मंदिर परिसर का कार्य 30 जून 2025 तक पूरा हो जाएगा। मंदिर का भवन ‘फसाड लाइट’ से सुसज्जित होगा जबकि परिसर में इस प्रकार की ‘लाइटिंग’ नहीं होगी तथा ‘फसाड लाइट’ की निविदा संभवत नवंबर के अंत तक हो जाएगी। इसके पहले, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा था कि ट्रस्ट यह सुनिश्चित करने का काम कर रहा है कि निर्माण के लिए आवश्यक पत्थरों की आपूर्ति समय से पर्याप्त संख्या में हो जाए।
‘गर्भगृह को प्राचीन सफेद संगमरमर के पत्थरों से सजाया गया’
अनिल मिश्रा ने बयान में कहा था कि गर्भगृह को प्राचीन सफेद संगमरमर के पत्थरों से सजाया गया है, जबकि दूसरी मंजिल का निर्माण लगातार चल रहा है। राजसी शिखर का निर्माण अगले महीने शुरू होने वाला है और मंदिर की शोभा बढ़ाने वाली मूर्तियां पूरी होने वाली हैं। राम मंदिर के निर्माण में 1,600 से अधिक समर्पित कार्यकर्ता अथक परिश्रम से लगे हुए हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने कहा कि मंदिर निर्माण निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हो, यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि सप्त मंडप मंदिरों का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। इसी वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या मंदिर में नए राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था।
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