पिछली कांग्रेस की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार द्वारा 7 किलो वाट तक के कनैक्टैड लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में दी गई 3 रुपए प्रति यूनिट की सबसिडी को पंजाब सरकार ने खत्म कर दिया है। इससे 0 से 100 यूनिट पर 4.29 रुपए प्रति यूनिट अब 7.29 रुपए हो गई है। चन्नी सरकार द्वारा लोगों को 3 रुपए प्रति यूनिट सस्ती बिजली देने से सरकार को सालाना 21 सौ करोड़ रुपए अपने खजाने से देने पड़ते थे। अब पंजाब सरकार ने पावरकॉम को यह पैसे देने बंद कर दिए हैं।
नए बिल सब्सिडी के बगैर लोगों को मिलने लगे तो लोगो में परेशानी बढ़ गई। लोग इन बिलों को गलत समझ कर पावरकॉम के दफ्तरों में चैक करवाने के लिए पहुंचने लगे। वह मीटर रीडरों पर गलत बिल बनाने के आरोप लगा रहे हैं। जब इस संबंध में मीटर रीडरों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अब किसी का भी एवरेज बिल नहीं आ रहा। बल्कि इस बार सरकार की ओर से सब्सिडी खत्म करने के बाद जो बिल जनरेट हुए हैं। वह पिछले से 3 रुपए अधिक बने हैं लेकिन उपभोक्ता बोल रहे हैं कि उनका बिल अधिक आया है।
नई स्लैब के हिसाब से बिल बने हैं। मीटर रीडर अपने स्तर पर सही बिल जनरेट कर रहे हैं। लोगों को सब्सिडी खत्म होने के बारे में जानकारी नहीं है। इस लिए वह झगड़ा कर रहे हैं। इफटू के राज्य प्रधान कुलविंदर सिंह वड़ैच का कहना है कि पिछले चन्नी सरकार द्वारा लोगों को 3 रुपए प्रति यूनिट के रेट की जो राहत दी गई थी उसे पंजाब सरकार ने बंद कर दिया है। यह पंजाब के लोगों के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार एक तरफ लोगों को 300 यूनिट बिजली फ्री देने के ढिंढोरा पीट रही है, वहीं चुपचुप 3 रुपए यूनिट बढ़ा दिए। जो कि बहुत गलत है। गरीब व जरूरतमंद लोगों जेब पर सरकार ने अधिक बोझ डाल दिया है।
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