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विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती शादी? भगवान श्रीराम से जुड़ा है इसका कनेक्शन

मार्गशीर्ष माह में कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं। इनमें विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2024) का त्योहार भी शामिल है। पंचांग के अनुसार, हर साल विवाह पंचमी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस शुभ तिथि पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसके अलावा तुलसीदास जी ने रामचरितमानस ग्रंथ पूरा लिख लिया था। इसी वजह इस दिन विवाह पंचमी (Vivah Panchami Significance) का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि विवाह पंचमी के दिन शादी क्यों नहीं की जाती? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसकी वजह के बारे में।  

विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती शादी

विवाह पंचमी के पर्व को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता सीता की शादी की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा-अर्चना करने से वैवाहिक जीवन सदैव सुखमय होता है और पत्नी-पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है।  

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विवाह करने के बाद राम जी और माता सीता को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा और उन्हें 14 साल का वनवास सहना पड़ा। इसी वजह से इस तिथि पर विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है।

करें यह उपाय
विवाह पंचमी के दिन माता सीता को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं और अन्न-धन का दान करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से जातक के विवाह में आ रही बाधा दूर होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

विवाह पंचमी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 05 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और वहीं अगले दिन यानी 06 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। ऐसे में 06 दिसंबर (Vivah Panchami 2024 Date) को विवाह पंचमी मनाई जाएगी।

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
अमृत काल- सुबह 06 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 12 मिनट तक