प्राकृतिक आपदा व सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायलों को तत्काल सटीक इलाज मिल सके, इसके लिए ट्रामा नेटवर्क बनाया जा रहा है। इस नेटवर्क में प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के साथ ही बड़े अस्पतालों को सुविधाओं के आधार पर जोड़ा जाएगा। इसके तहत किसी घायल को सीधे उसी अस्पताल रेफर किया जाएगा, जहां उसकी जरूरत के हिसाब से उपचार सुविधा उपलब्ध होगी।
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों में बड़े अस्पताल नहीं हैं। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ जिला अस्पतालों में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है, साथ ही उच्च चिकित्सा सुविधा का भी अभाव है। इस कारण कई बार घायलों को एक अस्पताल से दूसरे और तीसरे अस्पताल रेफर करना पड़ता है। जिससे घायलों को जल्दी और स्टीक इलाज नहीं मिल पाता।
नई पहल के लिए उच्च स्तर पर कई दौर की बैठकें हुईं
प्रदेश सरकार इस समस्या के समाधान के लिए ट्रामा नेटवर्क तैयार कर रही है। सरकारी अस्पतालों के साथ ही एम्स ऋषिकेश, निजी अस्पताल व निजी मेडिकल कॉलेजों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इसके बाद घायल को सीधे उसी अस्पताल रेफर किया जाएगा, जहां उसकी जरूरत के हिसाब से डॉक्टर और इलाज उपलब्ध होगा। इस नई पहल के लिए उच्च स्तर पर कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, जल्द ही इसका शुभारंभ कर दिया जाएगा।
गंभीर मरीजों के लिए पहली बार ट्रामा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इसके बनने से मरीजों को सीधे उसी अस्पताल में रेफर किया जाएगा, जिसमें जरूरत के हिसाब से इलाज तत्काल उपलब्ध होगा। -स्वाति भदौरिया, अपर सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम
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