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संविधान स्वतंत्र भारत का आधुनिक और प्रेरणादायक सजीव दस्तावेज- कोविंद

नई दिल्ली 26 नवम्बर।आज संविधान दिवस है।1949 में इसी दिन संविधान को मंजूरी दी गयी और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज यहां संविधान दिवस पर आयोजित समारोह में कहा कि संविधान की रक्षा और इसे मजबूत करना न्‍यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की जिम्‍मेदारी है। इन तीनों को ही यह जिम्‍मेदारी जनता की भागीदारी के साथ निभानी चाहिए। श्री कोविंद ने कहा कि संविधान नागरिकों को सशक्‍त बनाता है, लेकिन उन्‍हें भी संविधान का पालन कर, इसकी सुरक्षा करनी चाहिए और इसे मजबूत करना चाहिए।राष्‍ट्रपति ने कहा कि संविधान स्‍वतंत्र भारत का आधुनिक और भारतीयों के लिए प्रेरणादायक सजीव दस्‍तावेज है।
उच्‍चतम न्‍यायालय के प्रधान न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान वंचित वर्गों की आवाज  तथा बहुमत का विवेक है। उन्‍होंने कहा कि यह संकट के समय इन सबको दिशा-निर्देश देता रहा है और  पिछले सात दशकों से एक बड़ी ताकत बना हुआ है।
कानून और न्‍याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि धर्म, जाति, समुदाय, आर्थिक सम्‍पन्‍नता या साक्षरता का भेद किए बिना, एक आम भारतीय का देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्‍वास बनाए रखना, भारतीय संविधान की विशेषता है।
संविधान दिवस पर ट्वीट संदेश में श्री नायडू ने कहा है कि यह एक राष्ट्रीय दायित्व है कि लोग अपने व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन में संविधान के मूलभूत उद्देश्यों को अपनाएं।श्री मोदी ने ट्वीट में कहा कि देश संविधान सभा की महान विभूतियों के योगदान को हमेशा याद करता रहेगा। उन्होंने संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।