संभल में जामा मस्जिद के पास बंद कुएं की खोदाई पूरी कर उसे संवारने का काम शुरू हो गया है। संभल कल्कि देवतीर्थ समिति की निगरानी में 41 तीर्थ और 19 कूप सहित अन्य कुओं को प्राचीन स्वरूप में संवारा जा रहा है।
संभल के जामा मस्जिद के नजदीक कुएं की खोदाई बृहस्पतिवार को पूरी हो गई है। यह खोदाई पालिका द्वारा कराई गई है। जामा मस्जिद के नजदीक स्थित दुकानों के नजदीक वर्षों पहले इस कुएं को बंद कर दिया गया था। अब पालिका की ओर से इसकी खोदाई कराई गई है और संवारने का काम भी कराया जाएगा।
संभल और उसके आसपास के तीर्थ, कूप और कुएं संवारने के लिए संभल कल्कि देवतीर्थ समिति का भी सहयोग रहा। यह समिति प्राचीनकाल की तरह ही इनको संवारने के लिए अपनी राय देगी। उसके बाद पालिका और ग्राम पंचायत द्वारा संवारा जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष डीएम हैं।
जबकि सह अध्यक्ष एसपी व अन्य पदों पर प्रशासनिक और अन्य लोग शामिल किए गए हैं। इसी क्रम में कूप, तीर्थ और कुएं संवारने की योजना तैयार की है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि अभी तक 41 तीर्थ और 19 कूप को चिह्नित कर लिया गया है। जो समिति की निगरानी में संवारे जाएंगे। उसके अलावा जो कुएं खोले गए हैं इनको भी प्राचीन रूप में ही बदला जाएगा।
टोंक के राजा का लगता था दरबार
सरायतरीन के मोहल्ला दरबार में स्थित जिस प्राचीन कुएं का निरीक्षण एएसआई की टीम ने बुधवार को किया था। वह कुआं जिले का सबसे बड़ा कुआं है। इसकी बनावट भी अन्य कुएं से अलग है। प्रशासन को स्थानीय लोगों ने जानकारी दी है कि यह टोंक के राजा जो नवाब हुआ करते थे उनका दरबार लगता था।
इस इलाके में बने भवन भी इसकी पुष्टि करते हैं कि किसी समय में इस इलाके में राजा का निवास स्थान रहा होगा। डीएम ने बताया कि सरायतरीन में मिला कुआं सबसे बड़ा कुआं है। इसको भी पुराने स्वरूप में लाया जाएगा।
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