लखनऊ 12 जनवरी।उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी ने 25 वर्षों के बाद आज फिर आगामी लोकसभा चुनावों में गठबन्धन कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। 80 सीटों वाले राज्य में इस गठबन्धन के..गेम चेन्जर.. होने की संभावना जताई जा रही है।
बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में यह ऐलान करते हुए कहा कि बसपा- सपा 38 –38 सीटो पर चुनाव लड़ेगी जबकि दो सीटे सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई है।गठबन्धन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी एवं यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र रायबरेली में अपना उम्मीदवार नही उतारेंगी।
सुश्री मायावती ने इस गठबन्धन में कांग्रेस को शामिल नही किए जाने का कारण भाजपा की तरह उस पर भी रक्षा सौदों में दलाली खाने को मुख्य कारण बताया और कहा कि दोनो की नीतियां एक जैसी है।उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके इस गठबन्धन से मोदी एवं उनके चेले अमित शाह को नींद नही आयेंगी।उन्होने कहा कि बहुजन समाज के हित में उन्होने 1995 के गेस्ट हाउस कांड को पीछे छोड़ते हुए गठबन्धन करने का निर्णय लिया।
सपा प्रमुख श्री यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसके शासन में जातिवादी ताकते बहुत मजबूत हुई है।उत्तरप्रदेश में इस समय इलाज तक जाति पूछकर हो रहा है।उन्होने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी वादे पूरे नही किए और लोग उन्हे सबक सिखाने के लिए चुनावों का इंतजार कर रहे है। उन्होने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भाजपा की साजिशों से सावधान रहने की हिदायत देते हुए कहा कि सुश्री मायावती का अपमान उनका अपमान होगा।अगर भाजपाइस तरह की कोशिशे करे ते उसे मिलकर जवाब देना है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस गठबन्धन के मजबूत वोट बैंक आधार से उत्तरप्रदेश में भाजपा को बहुत बड़ा झटका लग सकता है। भाजपा ने 2014 के चुनावों में सहयोगी दलों के साथ 80 में से 73 सीटे जीती थी,जबकि इस गठबन्धन के चलते 15 सीटे जीतने में मुश्किल आ सकती है।