परमाणु समझौते पर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ सीधे बातचीत करने से मना कर दिया था। अब डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से कहा है कि अमेरिका परमाणु कार्यक्रम पर सीधे बातचीत करेगा। इतना ही नहीं ट्रंप ने ईरान को धमकी भी दी।
उन्होंने कहा कि अगर बातचीत सफल नहीं हुई तो बहुत बड़ा खतरा झेलना होगा। ट्रंप ने कहा कि अगर वार्ता सफल नहीं हुई तो मुझे लगता है कि यह ईरान के लिए बहुत बुरा दिन होगा।
हम सीधे निपट रहे हैं
ईरान ने अपने जवाब में कहा कि वह बातचीत को तैयार है। मगर यह वार्ता मध्यस्थ के माध्यम से अप्रत्यक्ष होगी। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद ट्रंप ने दावा किया कि वार्ता शनिवार को होगी। ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि हम उनसे (ईरान) सीधे तौर पर निपट रहे हैं। शायद कोई डील हो जाए। अगर समझौता हुआ तो यह हम जो करना चाहते हैं… उससे बेहतर होगा।
अगर समझौता नहीं हुआ तो…
डोनाल्ड ट्रंप से जब यह पूछा गया कि अगर ईरान के साथ समझौता नहीं हो पाया तो क्या अमेरिका सैन्य कार्रवाई करेगा। जवाब में ट्रंप ने कहा कि ईरान बहुत बड़े खतरे में होगा। हालांकि मुझे यह कहने में बहुत बुरा लग रहा है।
गेंद अमेरिका के पाले में
इस बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक्स पर लिखा कि ईरान और अमेरिका शनिवार को ओमान में अप्रत्यक्ष तौर पर उच्च स्तरीय वार्ता के लिए मिलेंगे। यह एक अवसर होने के साथ-साथ एक परीक्षा भी है। गेंद अमेरिका के पाले में है।
कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि ओमान के माध्यम से भेजे अपने जवाबी पत्र में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि ईरान ने ट्रंप के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। मगर वाशिंगटन के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत का रास्ता खुला है।