भोपाल के 1250 क्वार्टर में स्थित एक सरकारी मकान में बनी मजार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुछ सामाजिक संगठनों ने इसे अतिक्रमण का मामला बताते हुए जिला प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने और आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है। यह इलाका मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य वीवीआईपी लोगों के निवास स्थानों से बेहद नजदीक है, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है।
संस्कृति बचाओ मंच के प्रदेशअध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि मजार हाल ही में बनाई गई है और यह सरकारी जमीन पर स्थापित की गई है। उनका कहना है कि अवैध निर्माण पर प्रशासन तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, दूसरी ओर स्थानीय निवासियों का दावा है कि यह मजार कई वर्षों से मौजूद है और यहां रहने वाले एक परिवार द्वारा इसका संरक्षण किया जाता रहा है।
इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए अब यह प्रश्न उठाया जा रहा है कि क्या इस प्रकार के धार्मिक निर्माण की अनुमति दी गई थी और यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक कोई संज्ञान क्यों नहीं लिया? साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि यदि मजार पुरानी है तो उसके आसपास सरकारी इमारतों और आवासों का निर्माण किस प्रक्रिया से हुआ।
1250 क्वार्टर क्षेत्र में लगभग 90% मकान सरकारी हैं, जहां विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी रहते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण या अनधिकृत निर्माण प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े करता है। जिला प्रशासन को सौंपी गई शिकायत में इन सभी बिंदुओं की जांच कर स्पष्टता लाने की मांग की गई है। अधिकारियों का कहना है कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और संबंधित विभागों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है।
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