
नई दिल्ली 24 अप्रैल।कांग्रेस कार्य समिति ने दो दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले पर गहरा शोक और कड़ी निंदा व्यक्त करती है।
इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस कार्य समिति ने शोक संतृप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए इस गहन पीड़ा की घड़ी में उनके साथ एकजुटता से खड़ी होने का संक्ल्प व्यक्त किया। बैठक में कहा गया कि यह कायराना और सुनियोजित आतंकी हमला, जिसकी साजिश पाकिस्तान में रची गई, हमारे गणराज्य के मूल्यों पर सीधा हमला है। हिंदू नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना, पूरे देश में भावनाएं भड़काने की एक सोची-समझी साजिश थी।
कार्य समिति ने कहा कि हम इस गंभीर उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और संकट की इस घड़ी में हमारी सामूहिक शक्ति को दोहराते हैं। कांग्रेस कार्य समिति शांति की अपील करती है और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और एकता के साथ लड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
कांग्रेस कार्य समिति स्थानीय पोनी वाले और पर्यटक गाइडों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करती है, जिनमें से एक पर्यटकों की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। इन्होंने भारत की विचारधारा को जीवंत रखा। उनका बलिदान उस भारत की भावना को दर्शाता है, जहां निस्वार्थ सेवा और मानवता सर्वोपरि है। राष्ट्र की सामूहिक इच्छा शक्ति को अभिव्यक्त करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 22 अप्रैल की रात को ही माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया था। यह बैठक आज के लिए निर्धारित की गई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि पहलगाम एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जहां त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। ऐसे में यह अत्यावश्यक है कि इस केंद्र शासित प्रदेश- जो सीधे-सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है- में इस प्रकार के हमले को अंजाम देने में हुई खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूक की व्यापक और गहन जांच की जाए। इन सवालों को व्यापक जनहित में उठाना आवश्यक है। यही एकमात्र रास्ता है, जिससे पीड़ित परिवारों के साथ न्याय होते हुए देखा जा सकता है।
कांग्रेस कार्य समिति यह भी नोट करती है कि अमरनाथ यात्रा शीघ्र ही प्रारंभ होने वाली है। देशभर से लाखों श्रद्धालु इस वार्षिक यात्रा में भाग लेते हैं, उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके लिए ठोस पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जाने चाहिए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा की जानी चाहिए, जिनका जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है। यह कार्य पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए।
इस नरसंहार की जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों एवं सामान्य कश्मीरी नागरिकों द्वारा सर्व सम्मति से निंदा की गई।लेकिन यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपने आधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से और अधिक वैमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है, जबकि इस समय सबसे अधिक आवश्यकता एकता और एकजुटता की है।
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