मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रवींद्र भवन में तीन दिवसीय जनजातीय शिल्पग्राम महोत्सव 2025 का किया शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर कहा कि कर्नल सौफिया ने मध्य प्रदेश का मान बढ़ाया। हमें उन पर गर्व हैं। उन्होंने मंडला स्थित प्राचीन किले के जीर्णोद्धार के लिए 15 करोड़ की घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को रवींद्र भवन में जनजातीय शिल्पग्राम महोत्सव 2025 का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने जनजातीय कलाकारों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार कलाकारों और आदिवासी समुदाय के साथ मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री ने महोत्सव में प्रदर्शित काष्ठ, धातु और मृत्तिका शिल्प की प्रशंसा करते हुए कलाकारों की कल्पनाशीलता को “मां सरस्वती का वरदान” बताया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकार कला को साकार करने में जितनी मेहनत और समर्पण दिखाते हैं, वह उन्हें विशेष बनाता है। उन्होंने कहा कि हमारे कलाकारों की कलाकृतियां देख ऐसा लगा जैसे वो एक ही दिन में बनी हों। इनका शिल्प संयम, अभ्यास और अद्भुत रचनात्मकता का प्रतीक है। सीएम ने कहा कि हमारे कलाकार कला को मूर्तरूप देते वक्त हिसाब भी बढ़िया रखते हैं। जब उन्होंने बड़े देव की मूर्ति बनाई और सांप देवता ऊपर लपेट दिए, तो मैंने पूछा कि बीच में गड्ढा क्यों कर दिया, तो बोले की सांप देवता की इच्छा होगी तो वो गड्ढे में चले जाएंगे। इससे पता चलता है कि कलाकारों की कल्पनाशीलता अनंत है।
हमारी देश की जियो और जीने दो की भावना है
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्र की सुरक्षा और पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे संघर्ष पर भी तीखा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान का सत्यानाश निश्चित है। हमारी सेना, फाइटर पायलट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब किसी भी चुनौती का डटकर सामना करने को तैयार है। सीएम ने कर्नल सौफिया की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है, हमें उन पर गर्व है। सएम ने कहा कि पीएम मोदी ने जैसा कहा कि आतंकवादियों को गड्ढे में गाड़ देंगे, वैसा ही किया। मसूद अजहर जैसे आतंकी के खानदान को मिट्टी में मिलाने का काम किसी ने किया है, तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने करके दिखाया। हमारे देश में जियो और जीने दो की भावना है।
सरकार ने आदिवासी नायकों के सम्मान में निर्णय लिए
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मंडला स्थित ऐतिहासिक किले के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए 15 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने आदिवासी नायकों के सम्मान में कई बड़े निर्णय लिए हैं, जैसे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का नामकरण, टंट्या मामा विश्वविद्यालय, और पहली कैबिनेट बैठक का आयोजन रानी दुर्गावती के नाम पर।
कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया
महोत्सव के दौरान सीएम डॉ. यादव ने जीआई टैग प्राप्त गोंड पेंटिंग के चार कलाकारों को ऑथोराइज्ड यूजर कार्ड और एनआईसी द्वारा विकसित प्रशिक्षण किट वितरित की। साथ ही बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय की कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया। तीन दिवसीय इस महोत्सव में जनजातीय शिल्प, व्यंजन, नृत्य और संगीत की झलक देखने को मिलेगी, जिसमें देशभर से आए कारीगर हिस्सा ले रहे हैं।