
दामाखेड़ा(बलौदा बाजार) 18 फरवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि धर्मनगर दामाखेड़ा कबीरपंथियों की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है।राज्य सरकार दामाखेड़ा के विकास के लिए वचनबद्ध है।
श्री बघेल ने आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दामाखेड़ा में माघ मेला के अवसर पर आयोजित सद्गुरू कबीर संत समागम समारोह में कहा कि कबीरपंथ का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव है।इसलिए यहां के लोग शांतिप्रिय है और छत्तीसगढ़ पूरे देश में शांति का टापू बना हुआ है।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कबीर के बताए रास्ते पर चल रही है ताकि जनता के साथ किसी प्रकार का धोखाधड़ी ना हो।उन्होंने कहा कि दामाखेड़ा के सर्वांगीण विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं होगी। प्रारंभिक तौर से हमने पांच करोड़ रूपए का बजट प्रावधान कर दिया है।
उन्होने कहा कि धर्मनगर दामाखेड़ा कबीरपंथियों की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है।राज्य सरकार यहां के प्राचीन तालाब सहित संपूर्ण दामाखेड़ा के विकास के लिए वचनबद्ध है।विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार ने बजट में अलग से शीर्ष निर्मित करते हुए पांच करोड़ रूपए का प्रावधान कर दिया है।उन्होंने कहा कि यहां दर्शन के लिए आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु दामाखेड़ा की मधुर स्मृति लेकर वापस लौटेंगे।
धर्मगुरू पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री के रूप में पहली दफा दामाखेड़ा आगमन पर श्री बघेल का कबीरपंथी समाज की ओर से आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल दिल से कबीरपंथी हैं। कबीर के सिद्धांत और उपदेश को वे शुरू से मानते हैं। विगत 20 सालों से मेरा उनसे गहरा नाता है।
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने अपने उद्बोधन में कहा कि दामाखेड़ा मेला में देश-विदेश के लोग एकत्र होते हैं। गुरूओं का आशीर्वाद इस दौरान उन्हें मिलता है। उन्होंने कबीर के दोहे पढ़कर गुरू का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि महात्मा कबीर का आशीर्वाद है कि राज्य का नया मंत्रिमण्डल पूरा कबीरपंथियों से भरा हुआ है। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रकाश मुनि नाम साहेब के गद्दी संभालने के बाद देश-विदेश में कबीरपंथ का प्रचार-प्रसार हुआ है।कबीरपंथ सादगीपूर्ण जीवन जीने का एक रास्ता है जिसमें सभी जाति और समाज के लोग इसमें शामिल हैं।
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