
रायपुर, 16 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों को कैम्पा मद का समुचित उपयोग नियमानुसार किए जाने का निर्देश दिया है।
श्री साय ने आज मंत्रालय में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक में यह निर्देश दिया।उन्होंने बैठक में कैम्पा के अंतर्गत संचालित कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।
श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। हमारे प्रदेश में भरपूर वन संपदा उपलब्ध है। देश में भौगोलिक क्षेत्रफल के अनुसार छत्तीसगढ़ का स्थान दसवां है, जबकि वन क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य तीसरे पायदान पर है। वनों के संरक्षण एवं संवर्धन में कैम्पा मद की राशि की महत्वपूर्ण भूमिका है, अतः इसका उपयोग आवश्यकतानुरूप प्राथमिकताओं के आधार पर किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कैम्पा मद के अंतर्गत विगत वर्षों में किए गए वन विकास, वन सुरक्षा, वन्यप्राणी संरक्षण तथा अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी (कैम्पा) द्वारा गवर्निंग बॉडी के समक्ष अब तक की प्रगति तथा कैम्पा मद से संपादित महत्वपूर्ण कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
बैठक में बताया गया कि कैम्पा मद के अंतर्गत वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण, वनग्रामों का पुनर्स्थापन, भू-जल संरक्षण, देवगुड़ियों का संरक्षण, वन मार्गों का उन्नयन, पुलिया एवं रपटा निर्माण, चारागाह विकास, नर्सरियों की स्थापना, हाईटेक बेरियरों का निर्माण, नदी तट वृक्षारोपण, फ्रंटलाइन स्टाफ हेतु आवासीय भवन, अग्नि सुरक्षा तथा वन्यप्राणी प्रबंधन जैसे कार्यों का क्रियान्वयन किया गया है।
बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारीक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस., सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग अंकित आनंद, सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।