छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां सीटी स्कैन मशीन में नकली पिक्चर ट्यूब लगाकर लाखों की ठगी की जाती है। पीड़ित डॉक्टर ने कंपनी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में खरीदी गई सीटी स्कैन मशीन में नकली पिक्चर ट्यूब लगाकर लाखों की ठगी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस एज मेडिकल सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए पुरे मामले को जांच में ले लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, सिटी कोतवाली थाने में पीड़ित डॉक्टर ने रिपोर्ट लिखाते हुए बताया कि उसके द्वारा एक्स-रे, सिटी स्कैन एव सोनोग्राफी के अलावा अन्य मेडिकल जांच पैथोलॉजी का कार्य किया जाता है। उसने वर्ष 2017-18 में एज मेडिकल सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड मकान नंबर 104 मंगोलपुर कालन नई दिल्ली के डायरेक्टर गुंजन कुमार, कु सीमा जोगीन्दर एवं रंजन कुमार से सिटी स्कैन मशीन Siemens Emotion का सौदा किया था।
जिसमें उनके द्वारा उसे दो साल की गारंटी दो वर्ष के अन्दर में किसी प्रकार की खराबी आती है तो 24 घंटे के अन्दर खराबी को सुधारने, उसमें लगने वाले उपकरण एवं इंजीनियर की व्यवस्था निःशुल्क दिये जाने के साथ 48 लाख का भुगतान किया गया।
17 लाख देकर नई मशीन ले जाने की कही बात
पीड़ित डॉ. ने बताया कि मशीन में समस्या आने पर गारंटी पीरियड में होने के कारण कम्पनी के डायरेक्टरों को सुधार करने हेतु कहा गया, लेकिन कोई सुधार नहीं किया गया। कई बार स्टाफ को दिल्ली भेजे जाने के बाद कहा गया कि 17 लाख देने के बाद वे लोग नया मशीन दे देंगे। पीड़ित डॉ. ने बताया की उनकी बातों में भरोसा करते हुए 13 लाख रुपये कंपनी के खाते में और 4 लाख को रायगढ़ में मशीन स्थापित करने के बाद देने की बात हुई। तब उनके द्वारा 25-30 दिन बाद दिल्ली से मशीन को रायगढ़ के लिए रवाना किया गया।
ओरिजनल पिक्चर ट्यूब बदलकर लगाई दूसरी
पीड़ित डॉ. ने बताया कि जिस ट्रक से मशीन का परिवाहन किया जा रहा था। उसके ड्रायवर से उसका स्टाफ (मैनेजर) निरंतर सम्पर्क में रहा। मशीन डभरा पहुंच जाने की जानकारी ड्राइवर के द्वारा दी गई। उसके बाद भी जब 7-8 घंटो तक मशीन रायगढ़ नहीं पहुंची। तब मेरे मैनेजर के द्वारा डभरा जाकर ट्रक की खोज की गई तब पता चला कि कंपनी के द्वारा अपना इंजीनियर भेजकर उसका ओरिजनल पिक्चर ट्यूब बदलकर दूसरा पिक्चर ट्यूब लगा दिया गया है।
आज तक मशीन का नहीं हो पाया उपयोग
पीड़ित डॉ. ने बताया कि मशीन के साथ आये इंजीनियर को जब मशीन स्थापित करने के लिए कहा गया तो उसके द्वारा कहा गया कि सीनियर इजीनियर आएगा। वहीं स्थापित करेगा। तब से उक्त सिटी स्कैन मशीन अनउपयोगी रूप से पड़ी हुई है। पीड़ित डॉ. ने यह भी बताया कि उसके द्वारा पतासाजी किये जाने पर उसे जानकारी मिली कि एज मेडिकल सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों के द्वारा कम्पनी के डिस्पेंटल मशीन को क्रय कर इसी प्रकार लोगों को ठगा जाता है।
कंपनी के दोनों चेक हुए बाउंस
पीड़ित डॉ. ने बताया कि मशीन चालू नहीं हो पाने के बाद बार-बार अपने 61 लाख रुपये की मांग किये जाने के बाद उसे दो चेक देते हुए 15-16 दिसम्बर 2019 को लगाकर भुगतान प्राप्त कर लेने कहा गया था। लेकिन भुगतान प्राप्त करने चेक लगाने पर कम्पनी के खाते में समुचित धन नहीं होने के कारण अनादित हो गया। जिसके बाद कम्पनी के डायरेक्टरों से सम्पर्क करने पर उनके द्वारा 61 लाख रुपये वापस नहीं किया जा रहा है।
सिटी कोतवाली में मामला दर्ज
पीड़ित डॉ. ने बताया कि एज मेडिकल सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों के द्वारा मेरे साथ धोखाधड़ी कर एवं सीटी स्कैन मशीन को ओरिजनल पिक्चर ट्यूब मशीन को बदलकर अपराधिक कार्य किया गया है। इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस धारा 420, 467, 468, 120(बी), 34 भा.द.वि. के तहत अपराध दर्ज करते हुए मामले को जांच में ले लिया है।