Friday , July 11 2025
Home / MainSlide / छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में वृद्धि

छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में वृद्धि

रायपुर, 11 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण कंपनियों की विद्युत दरों को मंजूरी दे दी है। नई दरों में समेकित रूप से केवल 1.89% की मामूली वृद्धि की गई है।

   वितरण कंपनी के महाप्रबंधक भीमसिंह कंवर ने आज यहां इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह वृद्धि नगण्य है और उपभोक्ताओं पर अधिक भार नहीं डालेगी। कृषि उपभोक्ताओं के लिए कुछ मदों में वृद्धि की गई है, जिसका पूरा भार राज्य शासन वहन करेगा, जिससे किसानों को कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए क्या बदला?

  • निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि।
  • घरेलू श्रेणी में अब गौशालाएं, स्टे-होम्स और आदिवासी क्षेत्रों के संस्थान शामिल किए गए हैं।
  • घरेलू अस्थायी कनेक्शन पर टैरिफ को 1.5 गुना से घटाकर 1.25 गुना किया गया है।

कृषि क्षेत्र के लिए राहत:

  • कृषि पंपों पर दर 50 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई गई, लेकिन इसका भुगतान राज्य सरकार करेगी।
  • गैर-सब्सिडी वाले कृषि पंप उपभोक्ताओं को 30% तक की छूट मिलेगी (पहले 20% थी)।
  • खेतों में 100 वॉट तक लाइट और पंखे के उपयोग की वर्तमान अनुमति जारी रहेगी।

औद्योगिक एवं व्यवसायिक क्षेत्र के लिए रियायतें:

  • पोहे और मुरमुरे उद्योगों को अब 10% ऊर्जा शुल्क छूट (पहले 5%)।
  • प्रिंटिंग प्रेस और ऑफसेट प्रिंटिंग को गैर-घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे दरें कम हुई हैं।
  • महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित इकाइयों को 10% छूट जारी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल, नर्सिंग होम व डायग्नोस्टिक सेंट को 5% छूट जारी।

ईवी चार्जिंग और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा:

  • निम्न दाब ईवी चार्जिंग यूनिट्स के लिए ₹7.02 प्रति यूनिट और
  • उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए ₹6.32 प्रति केवीएएच टैरिफ निर्धारित।
  • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में मोबाइल टावरों को 10% की छूट।

अन्य अहम घोषणाएं:

  • अग्रिम भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को अब 1.25% की छूट (पहले 0.50%)।
  • अस्थायी कनेक्शन पर टैरिफ में 1.5 गुना के बजाय 1.25 गुना शुल्क।

इस संशोधित दर संरचना में संतुलन और समावेशिता पर जोर दिया गया है, जिसमें सामाजिक वर्गों, किसानों और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है।