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इंदौर-खंडवा रेल परियोजना को मिली हरी झंडी…

यह रेल लाइन उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाला सबसे छोटा मार्ग होगी, जो इंदौर के व्यापार और यात्रियों को समय व दूरी की बचत देगी। यह मार्ग मालवांचल और दक्षिण भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।

इंदौर-खंडवा रेल परियोजना को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। इस महत्वपूर्ण रेल लाइन के लिए वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी कर दिया है, जिससे परियोजना की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। अब इस रेल मार्ग के निर्माण को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा।

यह रेल लाइन उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा मार्ग होगी, जो न केवल इंदौर के व्यापारिक और औद्योगिक विकास को नई गति देगी, बल्कि यात्रियों के लिए समय और दूरी की बचत भी करेगी। यह परियोजना मालवांचल के लिए एक नया युग शुरू करने वाली है, जो क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देगी।

सांसद शंकर लालवानी के प्रयास लाए रंग
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने इस परियोजना में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए। उन्होंने रेलवे अधिकारियों और वन विभाग के बीच संयुक्त बैठक करवाई, जिससे तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल हुईं। हाल ही में सांसद लालवानी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर इस परियोजना की प्राथमिकता पर जोर दिया और वन विभाग से अनुमति दिलवाने का अनुरोध किया। उनके इन प्रयासों के परिणामस्वरूप परियोजना को गति मिली है।

दक्षिण भारत से सीधी कनेक्टिविटी का सपना होगा साकार
इंदौर-खंडवा रेल लाइन के पूरा होने के बाद इंदौर का सीधा संपर्क खंडवा, भुसावल, नासिक और मुंबई के साथ-साथ तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों से हो जाएगा। यह रेल कॉरिडोर मालवांचल के व्यापारियों, किसानों और यात्रियों के लिए तेज, किफायती और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प प्रदान करेगा। सांसद लालवानी ने बताया कि यह रेल मार्ग मालवांचल और दक्षिण भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

80 किमी होगी इंदौर-खंडवा की नई दूरी
पहले मीटरगेज लाइन पर इंदौर से खंडवा की दूरी 48 किमी थी, लेकिन ब्रॉडगेज ट्रैक के निर्माण के लिए पातालपानी के पहले घूमकर ट्रेन बलवाड़ा पहुंचेगी, जिससे दूरी बढ़कर 80 किमी हो जाएगी। हालांकि, इस नए ट्रैक से इंदौर को बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई जैसे दक्षिण भारतीय शहरों और जयपुर, अजमेर जैसे उत्तर भारतीय शहरों तक सीधी पहुंच मिलेगी। अभी इन शहरों तक पहुंचने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। यह नया रेल मार्ग उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाला सबसे छोटा रूट होगा, जिससे यात्रियों का समय बचेगा और रेलवे का मुनाफा भी बढ़ेगा।

एक दशक से बंद थी रेल कनेक्टिविटी
पिछले एक दशक से इंदौर और खंडवा के बीच रेल कनेक्टिविटी बंद थी। पहले यहां मीटरगेज लाइन थी, जो महू से पातालपानी, कालाकुंड, बलवाड़ा और चौरल होते हुए खंडवा तक जाती थी। अब ब्रॉडगेज लाइन के लिए महू से पातालपानी के पहले घूमकर बलवाड़ा तक ट्रैक बनाया जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण 32 किमी का घुमाव है, जिसमें 454 हेक्टेयर वन विभाग की जमीन शामिल है। रेलवे लंबे समय से इस जमीन पर ट्रैक बिछाने की अनुमति मांग रहा था, जो अब मिल गई है।