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Myntra पर आरोप, थोक व्यापार की आड़ में FDI नियमों से खिलवाड़

फ्लिपकार्ट की सब्सिडरी कंपनी मिंत्रा (Myntra) पर गबन का बड़ा आरोप लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कंपनी पर भारत के फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने पर शिकायत दर्ज की है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर थोक व्यापार की आड़ में मल्टी-ब्रांड रिटेल ऑपरेशन में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

ईडी के अनुसार, मिंत्रा और उससे जुड़ी संस्थाओं ने मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेड की गतिविधियाँ संचालित कीं, जबकि उन्होंने ‘होलसेल कैश एंड कैरी’ बिजनेस के रूप में काम करने का झूठा दावा किया। एजेंसी का कहना है कि इस तरह की गलतबयानी भारत की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (FDI Policy) का सीधा उल्लंघन है।

1654 करोड़ रुपये का गबन
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मिंत्रा डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (मिंत्रा) और उसकी संबंधित कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ 1654,35,08,981 रुपये के उल्लंघन को लेकर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत शिकायत दर्ज की है।

ईडी का आरोप है कि मिंत्रा ने 1,654 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन किया। सरकारी एजेंसी ने कहा कि कंपनी ने अपनी ज़्यादातर बिक्री मेसर्स वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए की, जो उसी कॉर्पोरेट समूह की एक इकाई है। इसके बाद वेक्टर ने सीधे उपभोक्ताओं को सामान बेचा, और रिटेल (B2C) लेन-देन को कागज़ों पर थोक (B2B) ट्रांजेक्शन के रूप में प्रभावी ढंग से छिपाया।

जांचकर्ताओं का आरोप है कि वेक्टर ई-कॉमर्स की स्थापना जानबूझकर कंज्यूमर सेल्स को होलसेल ट्रेड के रूप में प्रस्तुत करके मल्टी-ब्रांड रिटेल पर एफडीआई प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए की गई थी।

बता दे कि मिंत्रा का स्वामित्व फ्लिपकार्ट के पास है। फ्लिपकार्ट ने साल 2014 में मिंत्रा का अधिग्रहण कर लिया था। मिंत्रा, खासकर फ़ैशन और लाइफस्टाइल सेगमेंट से जुड़े प्रोडक्ट्स ऑफर करता है।