
नई दिल्ली, 23 जुलाई।लोकसभा में बुधवार को भी विपक्षी दलों के सदस्यों ने जबरदस्त हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद अंततः पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई, लेकिन बिहार में चल रहे मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य आसन के पास पहुंच गए। प्रश्नकाल शुरू होते ही नारेबाजी और तख्तियों के साथ विरोध शुरू हो गया, जिससे कार्यवाही बाधित हो गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और जनता दल यूनाइटेड की सांसद लवली आनंद का नाम प्रश्न पूछने के लिए पुकारा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शोर के बीच जवाब दिया, लेकिन हंगामा बढ़ता चला गया। अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि तख्तियां लेकर आने वाले सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और संसद की मर्यादा बनाए रखने की अपील की।
दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुनः शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एक बार फिर एसआईआर को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच, पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और विपक्षी सदस्यों से अपील की कि वे सदन की गरिमा बनाए रखें। उन्होंने कहा, “देश विपक्ष के आचरण को देख रहा है।”
अपराह्न 2 बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई, लेकिन हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था। पीठासीन अधिकारी कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी ने बताया कि गोवा की अनुसूचित जनजातियों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक – गोवा राज्य विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व पुन: समायोजन विधेयक 2024 – चर्चा के लिए सूचीबद्ध है, जो आदिवासियों से जुड़ा गंभीर विषय है।
उन्होंने विपक्ष से अपील की कि इस मुद्दे पर सहयोग करें, लेकिन जब शोरगुल नहीं थमा, तो सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
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