भोपाल में मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत अब बहुत करीब है। तकनीकी परीक्षण सफल रहा है और अब RDSO की रिपोर्ट का इंतजार है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो अक्टूबर तक एम्स से सुभाष नगर तक मेट्रो सेवा शुरू हो सकती है।
राजधानी भोपाल में मेट्रो रेल सेवा अब कमर्शियल संचालन के एक कदम और करीब पहुंच गई है। 9 जुलाई से 21 जुलाई तक मेट्रो का अंतिम तकनीकी परीक्षण पूरा हो चुका है और अब निगाहें रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (RDSO) की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो 15 अगस्त तक आने की उम्मीद है।
इसी रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि मेट्रो का अगला परीक्षण मेट्रो रेलवे सेफ्टी कमिश्नर (CMRS) के निरीक्षण के लिए हरी झंडी मिलेगी या नहीं। सीएमआरएस के निरीक्षण के बाद भोपाल में एम्स से सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन के बीच अक्टूबर तक मेट्रो का कमर्शियल संचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हुआ परीक्षण
RDSO की टीम ने मेट्रो को विभिन्न तकनीकी मानकों पर जांचा, जिनमें 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से स्पीड ट्रायल, मोड़ वाले ट्रैक पर संतुलन परीक्षण, आपातकालीन ब्रेकिंग दूरी (EBD), और गाड़ी की स्थिरता व गुणवत्ता जैसे बिंदु शामिल थे। हर कोच में लगभग 300 यात्रियों के वजन के बराबर बोरे रखकर वास्तविक भार की स्थिति के साथ परीक्षण किया गया।
तीन डिब्बों वाली ट्रेन में 900 यात्रियों की क्षमता
भोपाल मेट्रो की प्रत्येक ट्रेन में तीन कोच होंगे और यह लगभग 900 यात्रियों (50 बैठने व 250 खड़े होने की क्षमता प्रति कोच) को ले जाने में सक्षम होगी। परीक्षण के दौरान मेट्रो को सुभाष नगर डिपो से एम्स तक के एलिवेटेड रूट पर चलाया गया।
अक्टूबर में हो सकती है शुरुआत
अगर RDSO की रिपोर्ट मानकों पर खरी उतरती है तो मेट्रो को CMRS निरीक्षण के लिए अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद मेट्रो का कमर्शियल संचालन का रास्ता साफ होगा। अधिकारियों ने अक्टूबर तक मेट्रो सेवा की शुरुआत का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में मेट्रो सेवा सुबाष नगर से एम्स के बीच आठ एलिवेटेड स्टेशनों पर संचालित होगी।
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