तेलंगाना में बीआरएस नेता के. कविता ने पार्टी के भीतर साजिशों का खुलासा किया है। तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद कविता ने अपने भाई के.टी. रामा राव और चचेरे भाइयों हरीश राव और संतोष राव पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने केसीआर से पार्टी पर कब्जा करने की साजिशों पर नजर रखने की अपील की है।
के. कविता ने न केवल अपने भाई के.टी. रामा राव पर निशाना साधा।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की निलंबित नेता के. कविता ने अपने परिवार और पार्टी के भीतर चल रही कथित साजिशों को लेकर मीडिया में बयान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया है।
‘पार्टी पर कब्जा करने की साजिश’
उन्होंने अपने पिता और बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) से अपील की कि वह अपने आसपास हो रही सियासी चालबाजियों पर नजर रखें। कविता ने कहा कि उनकी निलंबन की साजिश पार्टी पर कब्जा करने की कोशिश का हिस्सा है।
उन्होंने आरोप लगाया, “हालांकि, कुछ लोग अपने निजी और राजनीतिक विकास के लिए हमारे परिवार को बिखेरना चाहते हैं।”
‘भाई ने जरा भी परवाह नहीं की..
कविता ने हैदराबाद में एक बयान में कहा कि उनकी रिहाई के बाद से वह लगातार जनता के मुद्दों के लिए लड़ रही हैं। लेकिन इस दौरान उनके भाई रामा राव ने उनका साथ नहीं दिया, जब उनके खिलाफ एक बदनाम करने वाली मुहिम चलाई गई।
के कविता ने कहा, “मैं भाई केटीआर से मिली। मैंने उन्हें मेरे खिलाफ चल रही साजिशों और झूठे अभियान के बारे में बताया। मैंने उनसे अनुरोध किया, न केवल एक बहन के रूप में, बल्कि पार्टी की MLC के रूप में भी, लेकिन उन्होंने जरा भी परवाह नहीं की। उन्होंने मुझे फोन तक नहीं किया।”
परिवार में फूट डालने की साजिश
कविता ने अपने बयान में साफ किया कि कुछ लोग उनके परिवार को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने पिता केसीआर से गुजारिश की कि वह इस सियासी खेल को समझें और पार्टी के भीतर चल रही साजिशों पर ध्यान दें।
कविता का मानना है कि उनकी निलंबन की वजह सिर्फ व्यक्तिगत हमले नहीं, बल्कि बीआरएस पर पूरी तरह कब्जा करने की कोशिश है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने पिता और पार्टी प्रमुख केसीआर के साथ अपने रिश्ते को लेकर किसी तरह की गलतफहमी नहीं चाहतीं।
चचेरे भाईयों पर गंभीर आरोप
कविता ने अपने चचेरे भाइयों हरीश राव और संतोष राव पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच की वजह उनके चचेरे भाइयों की भ्रष्ट गतिविधियां हैं।
कविता ने भाई रामा राव को नसीहत दी कि वह हरीश और संतोष पर भरोसा न करें, क्योंकि ये लोग पार्टी और परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।