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नई उद्योग नीति में बस्तर संभाग पर विशेष फोकस : मुख्यमंत्री साय

कांकेर, 14 सितम्बर।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांकेर जिले के नरहरपुर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल होकर आदिवासी समाज के देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

     श्री साय ने कहा कि नई उद्योग नीति में बस्तर और सरगुजा संभाग को विशेष प्राथमिकता दी गई है, ताकि आदिवासी अंचलों के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर अधिकतम लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने आदिवासी समाज की परंपराओं की सराहना करते हुए कहा कि नवाखाई और ठाकुर जोहारनी जैसी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाना आवश्यक है।

   श्री साय ने बताया कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईआईटी जैसी उच्च शिक्षण संस्थाओं के साथ प्रयास और एकलव्य विद्यालयों के जरिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने माओवाद समाप्त करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि 31 मार्च 2026 तक इसे खत्म कर दिया जाएगा।

उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप पशुपालन, मुर्गीपालन व तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं। साथ ही, अटल डिजिटल सेवा केंद्र, पीएम जनमन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान से आदिवासी विकास को गति मिल रही है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नरहरपुर क्षेत्र के लिए कई घोषणाएँ कीं, जिनमें शामिल हैं –

  • 30 करोड़ की लागत से बागोड़ एनीकट का निर्माण
  • 132 केवी विद्युत सब स्टेशन स्थापना हेतु 30 करोड़ रुपये
  • मावा मोदोल लाइब्रेरी के लिए 20 लाख रुपये
  • गोंडवाना सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रुपये
  • मोबाइल टॉवर स्थापना
  • सर्वसुविधायुक्त विश्राम गृह निर्माण हेतु 80 लाख रुपये
  • गोंडवाना समाज के 12 मुड़ा क्षेत्रों में 12 टीन शेड निर्माण (कुल 1.20 करोड़ रुपये)
  • जंगोरायतार इंग्लिश मीडियम स्कूल हेतु सहयोग

  विशिष्ट अतिथि अर्जुन मुंडा ने आदिवासी समाज की संस्कृति, जल-जंगल-जमीन और परंपराओं की महत्ता पर बल देते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया।

   कार्यक्रम में सांसद भोजराज नाग, विधायक आशाराम नेताम, नीलकंठ टेकाम, विक्रम उसेंडी, वन मंत्री केदार कश्यप सहित जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।