
रायपुर, 16 अक्टूबर।धर्मांतरण पर कानून बनाने को लेकर गृह मंत्री के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनके मंत्री केवल “शिगूफा” छोड़ने का काम करते हैं।
बैज ने कहा कि साय सरकार ने अपनी पहली ही बैठक में दावा किया था कि नया ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक’ तैयार है और 60 दिनों के भीतर लागू हो जाएगा, लेकिन अब एक वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार मौन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश के शहरी और मैदानी इलाकों में धर्मांतरण की घटनाएँ बढ़ी हैं। भाजपा खुद धर्मांतरण को बढ़ावा देती है और बाद में वर्ग संघर्ष भड़काती है। विपक्ष में रहते हुए धर्मांतरण के नाम पर हंगामा करने वाले भाजपाई अब इन घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं।
दीपक बैज ने आगे कहा कि कई रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि धर्मांतरण कराने वालों को सत्तारूढ़ दल का संरक्षण मिला हुआ है। जशपुर और बस्तर में धर्मांतरण की घटनाओं के बाद भाजपा की खामोशी इस बात का प्रमाण है कि इन घटनाओं को उसका समर्थन प्राप्त है।
उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने जबरन धर्मांतरण को देश के लिए गंभीर समस्या बताया था और केंद्र सरकार से इस पर कानून बनाने को कहा था। “लेकिन मोदी सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। भाजपा धर्मांतरण के मुद्दे पर केवल अफवाह फैलाने और राजनीति करने में जुटी रहती है,” बैज ने कहा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह धर्मांतरण और सांप्रदायिकता के मुद्दे पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है, न कि समाधान। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मांग की कि वे छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर श्वेत पत्र (White Paper) जारी करें, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि रमन सिंह सरकार के समय कितने चर्च बने और भूपेश बघेल सरकार के दौरान कितने।
दीपक बैज ने कहा कि “भाजपा को न तो हिन्दुत्व से मतलब है और न ही सनातन से। वह केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए इन मुद्दों का इस्तेमाल करती है। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की घटनाओं के पीछे भी भाजपा की राजनीति छिपी है।”