
रायपुर, 1 नवम्बर।‘दिल की बात’ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में आयोजित “गिफ्ट ऑफ लाइफ” समारोह में उन 2500 बच्चों से संवाद किया, जिन्हें जन्मजात हृदय रोग से सफलतापूर्वक उपचारित किया गया है।
श्री मोदी ने बच्चों के साहस, जीवटता और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि वे सब “जीवन के सच्चे विजेता” हैं।एक बालिका, जो अब हॉकी की उभरती हुई खिलाड़ी है, ने श्री मोदी को बताया कि उसे स्कूल में स्वास्थ्य जांच के दौरान हृदय की बीमारी का पता चला था। छह महीने पहले उसका ऑपरेशन हुआ और अब वह पुनः मैदान में सक्रिय है।
प्रधानमंत्री ने उसके भविष्य के सपनों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह डॉक्टर बनकर बच्चों का इलाज करना चाहती है। जब प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या वह बड़ों का भी इलाज करेगी, तो उसने आत्मविश्वास से ‘हां’ कहा। एक अन्य बच्ची ने बताया कि उसका ऑपरेशन एक वर्ष पहले हुआ था और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। उसने कहा कि वह भी डॉक्टर बनकर सबकी सेवा करना चाहती है। उसने प्रधानमंत्री के समक्ष एक प्रेरणादायक कविता भी सुनाई, जिसे श्री मोदी ने सराहा।
एक बालक ने बताया कि उसका ऑपरेशन 2014 में मात्र 14 माह की उम्र में हुआ था और अब वह क्रिकेट खेलता है। प्रधानमंत्री ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि वह नियमित स्वास्थ्य जांच कराता है और पूर्णतः स्वस्थ है।
एक अन्य बच्चे से बातचीत में प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या उसे इंजेक्शन या अस्पताल जाने से डर लगता था। बच्चे ने कहा कि वह नहीं डरता, जिससे उसे जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिली। प्रधानमंत्री ने उसकी ईमानदारी और साहस की प्रशंसा की।एक बालिका ने बताया कि वह कक्षा 7 में पढ़ती है और आगे चलकर शिक्षिका बनकर गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाना चाहती है, ताकि देश की प्रगति में योगदान दे सके।
प्रधानमंत्री ने बच्चों से पूछा कि क्या वे जानते हैं कि किसका जन्मशताब्दी वर्ष आरंभ हुआ है। उन्होंने बताया कि यह श्री सत्य साई बाबा का शताब्दी वर्ष है। उन्होंने कहा कि बाबा ने पुट्टपर्थी और आसपास के लगभग 400 गांवों में पेयजल की व्यवस्था कर जल संकट को दूर किया था।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण और वृक्षारोपण के महत्व पर बल देते हुए अपने अभियान “एक पेड़ मां के नाम” के बारे में बताया। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाएं — यह न केवल धरती मां बल्कि अपनी जननी के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करने का सुंदर माध्यम है।
पश्चिम बंगाल के अभिक नामक एक बालक ने बताया कि वह बड़ा होकर सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता है। प्रधानमंत्री ने उसके देशभक्ति भाव की सराहना की।एक अन्य बालिका ने बताया कि प्रधानमंत्री से मिलना उसका सपना था और आज वह पूरा हुआ।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बच्चों के साथ संवाद को अपने लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि स्वस्थ शरीर से ही महान कार्य संभव हैं। उन्होंने बच्चों को योग करने, पर्याप्त नींद लेने और नियमित दिनचर्या अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है।
अंत में प्रधानमंत्री ने सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं दीं।
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