रायपुर 05 जनवरी।छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अजय चन्द्राकर ने स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों के लिए निरंतर जागरूकता अभियान पर बल देते हुए कहा कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम जैसे स्वास्थ्यगत कार्यक्रमों में जागरूकता बेहतर उपाय है।
श्री चन्द्राकर ने आज यहां एक निजी होटल में ‘तंबाकू निषेध’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक दशा, यहां की जलवायु, संस्कृति और परंपरा के अनुरूप स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है,उसके बाद भी प्रदेश में तम्बाकू उपयोग प्रतिशत में 10 से 12 प्रतिशत की गिरावट सघन जन-जागरूकता अभियान के कारण ही संभव हो पाया है।यह राज्य सरकार द्वारा लोंगो के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नीति का परिणाम है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार लोंगो के स्वास्थ्य की दृष्टि से पहले ही तम्बाकू से बने गुटखा, पान-मशाला विक्रय पर प्रतिबंध लगा रखा है। तम्बाकू युक्त गुटखा आदि बेचने वालों पर समय-समय में अभियान चलाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।उन्होंने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से जनहित में जो निष्कर्ष आएगी उस पर विचार कर कार्य निष्पादित करेंगे। इससे हम सबकी भागीदारी से कार्य करने मे मदद मिलेगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रतिनिधि स्वास्तिक चरण ने कहा कि वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में तम्बाकू उपयोग प्रतिशत में कमी आने पर खुशी व्यक्त किया।श्री चरण ने प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में और भी बेहतर एवं तकनीकी रूप से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने तम्बाकू नियंत्रण अभियान के लिए केन्द्र सरकार से पर्याप्त बजट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। श्री चरण ने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों, प्रशानिक भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर भी जागरूकता के लिए तम्बाकू नियंत्रण के लिए व्यापक अभियान चलाना चाहिए।