सुकमा जिले के भेज्जी–चिंतागुफा के बीच स्थित तुमालपाड़ जंगल में रविवार सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता दर्ज की है। मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए हैं, जिनमें वह कुख्यात जनमिलिशिया कमांडर माड़वी देवा भी शामिल है, जिसे कोंटा के पास हुए आईईडी ब्लास्ट में एडिशनल एसपी आकाश राव की शहादत का मास्टरमाइंड माना जाता था। देवा पर कई निर्दोष ग्रामीणों की हत्या और बड़े हमलों की साजिशों का भी रिकॉर्ड था। पुलिस ने उस पर पाँच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
डीआरजी को इलाके में माओवादियों के सक्रिय होने की पुख्ता सूचना मिली, जिसके बाद तड़के सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। घने जंगल और कठिन पहाड़ी इलाके में चली रुक-रुककर फायरिंग में दो महिला माओवादी —पोड़ियम गंगी, सीएनएम कमांडर, और सोड़ी गंगी, किस्टाराम एरिया कमेटी सदस्य भी ढेर हुई। दोनों पर पाँच-पाँच लाख रुपये का इनाम था और दोनों कई नक्सली वारदातों में शामिल रही हैं।
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने .303 रायफल, बीजीएल लॉन्चर और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण के अनुसार, मारे गए उग्रवादी एक बड़े हमले की तैयारी में थे, लेकिन समय रहते कार्रवाई कर इसे विफल कर दिया गया। उन्होंने बताया कि माड़वी देवा की मौत से कोंटा–किष्टाराम बेल्ट में माओवादियों की मिलिट्री गतिविधियों को बड़ा झटका लगा है।
बस्तर रेंज के आईजी सुन्दरराज पट्टलिंगम ने कहा कि वर्ष 2025 में अब तक 233 माओवादी ढेर किए जा चुके हैं और संगठन अंतिम दौर में पहुंच चुका है। उन्होंने साफ कहा कि अब हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटना ही माओवादी कैडरों का एकमात्र विकल्प है। घटना के बाद डीआरजी, बस्तर फाइटर्स और सीआरपीएफ की टीमें पूरे इलाके में सर्चिंग कर रही हैं।
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