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छत्तीसगढ़: 1 जनवरी से एमएमसी जोन का हथियारबंद संघर्ष विराम

नक्सली संगठन में दो गुट होने के साथ ही नक्सली टीम लगातार टूट रही है। इसी के चलते एमएमसी जोन के प्रवक्ता ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि जो भी सरकार उन्हें समर्पण के साथ ही अच्छा तव्वजो देगी, उन्हीं के पास जाएंगे। इसके अलावा समर्पण के लिए एक एक करके ना जाए, सब एक साथ जाएंगे। बता दें कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी (एमएमसी जोन) के प्रवक्ता अनंत ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखकर सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों को रोकने की अपील की है। इस पत्र में उन्होंने इस बार ‘नक्सली सप्ताह’ न मनाने की घोषणा भी की है और सरकार से पुनर्वास के लिए समय मांगा है।

नक्सलियों के एमएमसी जोन के नक्सली 1 जनवरी को हथियारबंद संघर्ष की बात कह रहे हैं। वहीं, एमएमसी जोन के प्रवक्ता अनंत ने एक प्रेस नोट जारी कर सभी नक्सलियों से अपील की है एक-एक करके समर्पण न करें, सब एक साथ जाएंगे। नक्सल प्रवक्ता ने आपसी तालमेल और संपर्क के लिए बाउपेंग का एक खुला फ्रीक्वेंसी नम्बर भी जारी किया है और कहा है कि जो सरकार उन्हें ज्यादा तवज्जो देगी, उसी सरकार के साथ जाएंगे।

नक्सल प्रवक्ता ने कहा कि हथियार छोड़ने का मतलब जनता के साथ धोखा या गद्दारी नहीं है, बल्कि यह समय संघर्ष के लिए उचित नहीं है। सभी लोग जहां कहीं भी हो, यथाशीघ्र सशस्त्र संघर्ष को अस्थाई रूप से विराम देने के फैसले पर आ जाएं। और एक-दूसरे को त्वरित संपर्क करने का प्रयास करें। संपर्क के लिए एक बाउफेंग का एक खुला फ्रिक्वेंसी नंबर जारी किया गया है। जिसमें अगले एक माह तक ( जनवरी 2026) तक रोजाना दोपहर 11 से 11.15 के बीच मिलने की बात कही है।

इसके अलावा एमएमसी के तमाम साथियों से अपील है कि, इस कठिन परिस्थिती में वे धैर्य ना खोएं, धीरज बनाए रखें। अकेले-अकेले जाकर आत्मसमर्पण ना करें। हम यह एकसाथ जाएंगे। आत्मसमर्पण नहीं, पूनामार्गम स्वीकार कर रहे हैं। सभी से विनती है कि विवेक से काम लें और एक-दूसरे को जितना जल्दी हो सके संपर्क करके, हम सब मिलकर 1 जनवर्र 2026 को हथियार छोडकर पूनामार्गम स्वीकार करेंगे।