बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूली अब तक शुरू न होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाराजगी जताई। उन्होंने इस देरी पर अफसरों को फटकार लगाई। अब परिवहन अफसर एक जनवरी से फास्टैग से ग्रीन सेस वसूली शुरू करने का दावा कर रहे हैं।
सरकार ने बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूली का फैसला लिया था। इसकी दरें भी एक बार संशोधित की जा चुकी हैं। जितने भी उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र हैं, वहां ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरा भी लगाए जा चुके हैं। जैसे ही वाहन उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करेगा तो उसकी नंबर प्लेट को यह कैमरा स्कैन और उसी के आधार पर फास्टैग खाते से ग्रीन सेस की रकम कट जाएगी।
बृहस्पतिवार को जब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी राजस्व प्राप्ति की समीक्षा बैठक ले रहे थे तो ग्रीन सेस वसूली शुरू न होने पर सख्त नाराजगी जताई। इसकी वसूली शुरू होने से राज्य की आय बढ़ जाएगी। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो तैयारियां पूरी हो चुकी हैं लेकिन अभी नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से ट्रायल का लिंक नहीं मिल पाया है।
उप परिवहन आयुक्त शैलेश कुमार तिवारी ने बताया कि जैसे ही एनपीसीआई से लिंक मिल जाएगा, वैसे ही ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल सफल होते ही ग्रीन सेस वसूली शुरू हो जाएगी। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने मीडिया के सामने एक जनवरी से इसे शुरू करने की बात कही।
ग्रीन सेस शुल्क
कारें: 80 रुपये
बसें: 140 रुपये
डिलीवरी वैन : 250 रुपये
ट्रक : 120 से 700 रुपये (आकार के अनुसार)
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