रायपुर 04 जुलाई।छत्तीसगढ़ सरकार ने खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने और उनके कल्याण के लिए जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) से कराए जाने वाले कार्यों का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
राज्य मंत्री परिषद द्वारा कल लिए गए निर्णय के अनुसार अब इस निधि से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, कृषि विकास, सिंचाई, रोजगार, पोषाहार, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के विस्तार, खेल व अन्य युवा गतिविधि, वृद्ध और निःशक्तजन कल्याण, संस्कृति संरक्षण के साथ ही अधोसंरचना विकास के कार्य भी कराए जा सकेंगे।
नए संशोधनों के बाद अब डीएमएफ राशि से शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन और उन्हें प्रभावी बनाने के काम किए जा सकेंगे। खनन और खनन संबंधी गतिविधियों से प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों के परिवार के सदस्यों को नर्सिंग, चिकित्सा शिक्षा, इंजीनियरिंग, विधि, प्रबंधन, उच्च शिक्षा, व्यवसायिक पाठ्यक्रम, तकनीकी शिक्षा, शासकीय संस्थाओं, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक शुल्क और छात्रावास शुल्क के भुगतान के साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग और आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था भी इस मद से की जा सकेगी। प्रभावित क्षेत्रों में दक्ष और योग्य मानव संसाधन जैसे डॉक्टरों, नर्सों और शिक्षकों आदि की आवश्यकता की पूर्ति भी डीएमएफ से की जा सकेगी।
नए संशोधन में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने के उपाय भी किए गए हैं। कृषि उत्पादों के संग्रहण, भंडारण एवं प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपज प्रसंस्करण, वनौषधि प्रसंस्करण, खेती में उन्नत तकनीकों के प्रयोग, जैविक खेती, पशु नस्ल सुधार और गोठान विकास के कार्यों को भी अब डीएमएफ से किया जा सकेगा। खनन प्रभावित वन अधिकार पट्टाधारकों के जीवनस्तर में सुधार एवं आजीविका संवर्धन के उपाय भी इससे किए जाएंगे।