नई दिल्ली 05 जुलाई।संसद में आज पेश बजट में दो करोड़ रूपये तक की व्यक्तिगत आमदनी पर आयकर में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इसमें दो करोड़ से पांच करोड़ रूपये की कर-योग्य आय वाले व्यक्तियों पर लगने वाले अधिभार में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पांच करोड़ से अधिक कर योग्य आय पर अधिभार में सात प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
वर्ष 2019-20 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। सड़क, रेल, जल परिवहन और हवाई संपर्क बढ़ाने के कार्यक्रमों के लिए बजट में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। भारत माला परियोजना के दूसरे चरण की शुरूआत की जाएगी जिसके अंतर्गत देश भर में सड़क संपर्क का विस्तार किया जायेगा। हवाई परिवहन और पोत परिवहन के विकास का भी बजट में लक्ष्य रखा गया है।
रेल परिवहन के क्षेत्र में बुनियादी ढ़ाचे के विकास में सरकारी-निजी भागीदारी के जरिए रेल नेटवर्क बढ़ाने की बात कही गई है। बजट में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत 81 लाख मकानों के निर्माण के साथ-साथ किराए के मकानों की संख्या बढ़ाने के लिए किराएदारी कानून को अंतिम रूप देने की बात कही गई है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत दूसरे चरण में करीब दो करोड़ मकानों के निर्माण का प्रस्ताव है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत लक्ष्य प्राप्त करने की अवधि कम कर दी गई है और इस कार्यक्रम के 2022 के बजाय 2019 में ही पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यावरण के अनुकूल टेक्नोलोजी का उपयोग करते हुए सड़कों के निर्माण का भी लक्ष्य रखा गया है। रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण की भी घोषणा बजट में की गई है जिसके अंतर्गत बड़े पैमान पर स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जायेगा।
किसानों के कल्याण के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराते हुए वर्ष 2019-20 के बजट में अनेक प्रावधान किए गए हैं। प्रधानमंत्री मछली संपदा योजना के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के विकास, आधुनिकीकरण, उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही गई है। कृषि आधारित ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बांस, शहद और खादी वस्तुओं पर विशेष ध्यान देने की बात भी बजट में बताई गई है।
बजट में पचास हजार शिल्पकारों को सक्षम बनाने के लिए सौ नये क्लस्टर बनाने का भी कार्यक्रम है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2024 तक हर घर जल कार्यक्रम के अंतर्गत सभी ग्रामीण परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रबंधन, वर्षा जल संचय, भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया है।