जांजगीर-चांपा 31 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य तीव्र गति से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसे आगे बढ़ाने के लिए पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर राज्य शासन द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
श्री बघेल आज यहां शासकीय टीसीएल कालेज खोखराभांठा के विशाल मैदान में अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए जांजगीर में हाईजिनिक मत्स्य बाजार स्थापित करने के लिए एक करोड़ 10 लाख रूपये की घोषणा की। कार्यक्रम में श्री बघेल ने पुलिस हाउंसिंग बोर्ड द्वारा 16 करोड़ से अधिक रूपये की राशि से पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के लिए बने। 144 आवासों और 64 करोड़ 66 लाख रूपये की लागत से निर्मित पुल-पुलियों और सड़क मार्ग का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
उन्होने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य दुकानों से राशन प्राप्त करने वाले गरीबी रेखा श्रेणी के पांच सदस्यीय परिवार को प्रतिमाह 35 किलो और छठवें सदस्य से प्रति सदस्य अतिरिक्त 7 किलो चांवल दिया जायेगा। इसी तरह एपीएल परिवारों को भी 10 रूपये किलो में चावल दिया जायेगा।उन्होंने दोहराया कि छत्तीसगढ़ में अब हर साल किसानो का धान 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर से खरीदा जायेगा।
उन्होंने कहा कि कुपोषण एवं एनीमिया से पीड़ित महिला एवं बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए बस्तर से सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया है।यह अभियान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिन दो अक्टूबर से प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा एवं संस्कृति के अनुरूप हरेली, तीजा, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा एवं मां कर्मा जयंती पर छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने सार्वजनिक अवकाश प्रदान कर राज्य के नागरिकों को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 01 अगस्त को आयोजित हरेली तिहार को बड़े उत्साह से पूरे प्रदेश में मनाया गया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की केबिनेट ने आरक्षण के संबंध में 27 अगस्त को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व निर्णय लिया है। उन्होंने 1945 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मंे लेमरू एनीफेंट रिजर्व केन्द्र बनाकर अपने साहसिक निर्णय का परिचय दिया है। इसी तरह उन्होंने छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति के अनुरूप मनाई जाने वाली हरेली, तीजा, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा एवं मां कर्मा जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की प्रशंसा की।