रायपुर 16 सितम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य में आयुर्वेदिक डॉक्टरों के रिक्त पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
डा.सिंह ने आज यहां पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में आयुर्वेद महासम्मेलन को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।सम्मेलन का आयोजन छत्तीसगढ़ आयुर्वेद चिकित्सक महासंघ द्वारा किया गया था।उन्होने कहा कि आयुर्वेद भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सर्वाधिक पुरानी चिकित्सा प्रणाली है। यह भारत की देन है। इसमें अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार हर संभव मदद करेगी।
उन्होने कहा कि आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज संभव है। जरूरत इस बात की है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा और औषधियों के क्षेत्र में भी आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करके रिसर्च को बढ़ावा दिया जाए और दवाईयों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद का जन्म हिन्दुस्तान में हुआ है। हमारे पास आयुर्वेद के ज्ञान का भंडार भी है। आज जब जापान, कोरिया और चीन सहित अनेक देशों में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति तेजी के साथ लोकप्रिय हो रही है। आयुर्वेद दवाओं के वैश्विक बाजार में भारत का हिस्सा मात्र 8 से 9 प्रतिशत है। इस बाजार पर चाइना और दूसरे देशों का कब्जा है। यदि हम अपनी आयुर्वेदिक दवाईयों की विश्व मानकों के अनुसार गुणवत्ता सुनिश्चित कर लें तो भारतीय आयुर्वेद दवाओं के व्यापार में सौ गुनी वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसकी छत्तीसगढ़ में व्यापक संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है, जिनमें लगभग सभी प्रकार की दुर्लभ आयुर्वेद औषधियां पाई जाती हैं।
स्वागत भाषण छत्तीसगढ़ आयुर्वेद चिकित्सक महासंघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. शिव नारायण द्विवेदी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय शुक्ला ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आयुर्वेद चिकित्सक और आयुर्वेद महाविद्यालय के शिक्षक तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।