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धरती की उर्वरा शक्ति को बचाने के लिए जैविक खेती को होगा अपनाना – भूपेश

दुर्ग 09अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि अपनी धरती की उर्वरा शक्ति को सहेजना है, कृषि लागत को कम करना है तो जैविक खेती को अपनाना होगा।

श्री बघेल ने आज रसमड़ा में आयोजित लोकार्पण भूमिपूजन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनेक क्षेत्रों में दौरा करते हुए गौठानों के अवलोकन के दौरान गौठान समिति के सदस्यों और कृषकों से मेरी बात होती रहती है।किसानों ने बातचीत के दौरान मुझे बताया कि वे वर्मी कम्पोस्ट बनाकर बेच रहे हैं और इसकी बाजार में अच्छी मांग है।उन्होने कहा कि जहां पहले वर्मी कम्पोस्ट ट्राली में बिकती थी, अब किलो में भी बिकने लगी है।उन्होंने कहा कि गौठान समितियों को मजबूत करने शासन प्रति महीने 10 हजार रुपए प्रदान कर रही है।

उन्होने इस अवसर पर महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि गांधी जी सर्वजन हिताय सर्व जन सुखाय की बात करते थे। यही आदर्श छत्तीसगढ़ शासन ने अपने लिए रखा है। हमने कृषि ऋण की कर्जमाफी करने के साथ ही 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी भी की। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 4000 रुपए प्रति मानक बोरा संग्रहण मूल्य भी दिया गया। गांधी जी के सपनों का भारत बनाने की दिशा में हम लोग काम कर रहे हैं ताकि अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे और मेहनतकश को उसके श्रम का पूरा मूल्य मिल सके।

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि शासन द्वारा सभी वर्गों के हितों के लिए योजनाएं तैयार की गई हैं और इनके क्रियान्वयन के लिए सरकार सतत् कार्य कर रही है। सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों से खेती किसानी के हालात भी सुधरे हैं और क्रय शक्ति बेहतर हुई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुपोषण किट और सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत राशन कार्ड का वितरण भी किया।