नई दिल्ली 24 नवम्बर।उच्चतम न्यायालय ने आज महाधिवक्ता तुषार मेहता से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाने और सरकार बनाने के लिए देवेन्द्र फडणवीस को आमंत्रित करने राज्यपाल के पत्रों को अदालत में पेश करने को कहा है।
न्यायाधीश एन वी रमन्ना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की पीठ ने महाधिवक्ता को कल सुबह साढ़े 10 बजे न्यायालय में इन पत्रों को पेश करने को कहा है। न्यायालय ने राज्यपाल के पत्राचार को प्रस्तुत करने के लिए दो दिन का समय देने के तुषार मेहता के अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया।
पीठ ने देवेन्द्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन द्वारा दायर याचिका पर केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है।न्यायालय ने देवेन्द्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को भी नोटिस जारी किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इन दलों की ओर से पीठ को बताया कि आज ही सदन में शक्ति परीक्षण कराया जाये ताकि यह स्पष्ट हो सके कि फडणवीस को सदन में बहुमत प्राप्त है।उनका यह भी कहना था कि तीनों पार्टियों के बीच चुनाव बाद गठबंधन को 288 सदस्यीय सदन में बहुमत प्राप्त है।
भारतीय जनता पार्टी के दो तथा कुछ निर्दलीय विधायकों की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने गठबंधन द्वारा दायर रिट याचिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें बम्बई उच्च न्यायालय में जाना चाहिए था।
कल रात उच्चतम न्यायालय में दायर इन दलों की याचिका में राज्यपाल के निर्णय को रद्द करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने के लिए 24 घंटे के भीतर तत्काल सदन में शक्ति परीक्षण कराने की मांग की गई है। साथ ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में तीनों दलों को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया जाए।
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