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उत्तरप्रदेश एवं झारखण्ड के बांध बनाने से छत्तीसगढ़ की भूमि होगी प्रभावित

रायपुर, 28 नवम्बर।छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले की कन्हर नदी में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा अमवार बांध बनाने से और झारखण्ड सरकार द्वारा प्रस्तावित बैराज निर्माण कार्य से प्रदेश की कुल 439.62 हेक्टेयर भूमि प्रभावित तथा 16 कृषक प्रभावित होंगे।

प्रदेश के जल संसाधन एवं आयाकट मंत्री रविन्द्र चौबे ने विधानसभा में प्रदेश के प्रथम पूर्व मुख्यमंत्री एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के विधायक अजीत जोगी के प्रश्रों के लिखित उत्तर में इसकी जानकारी दी।

श्री जोगी ने अपने लिखित प्रश्र में मंत्री से जानना चाहा था कि सरगुजा की जीवनरेखा कहलाने वाली कनहर नदी पर झारखण्ड सरकार द्वारा बांध बनाने से प्रदेश का कितना हिस्सा प्रभावित होगा तथा प्रस्तावित बांध से होने वाले नुकसान से प्रदेश को बचाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये है। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि कनहर नदी पर उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा बनाए गये बांध से प्रदेश का कितना हिस्सा प्रभावित हुआ है और क्या नुकसान का मुआवजा प्राप्त हुआ है।

इन सभी प्रश्रों के उत्तर में श्री चौबे ने बताया कि कन्हर नदी पर झारखंड  सरकार द्वारा बैराज बनाना प्रस्तावित है। इस बैराज के बनने से प्रदेश की कुल 79.55 हेक्टेयर भूमि एवं 16 कृषक प्रभावित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उपरोक्त प्रस्तावित योजना से प्रभावित प्रदेश की भूमि एवं कृषकों के लिए झारखण्ड सरकार द्वारा तीन योजनाएं लायी गई है।इनमें परियोजना में संग्रहित जल के उपयोग के पश्चात प्रत्येक वर्ष खाली हुई भूमि को लीज या पट्टा (छत्तीसगढ़ राज्य के सिंचाई अधिनियम)के तहत कृषि कार्य हेतु प्रदाय किया जाना है, वहीं दूसरी योजना में प्रदेश के डूब क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों में 800 हेक्टेयर भूमि में उद्वहन सिंचाई योजना के माध्यम से सिंचाई सुविधा प्रदाय कराया जाएगा तथा तीसरी योजना के रूप में प्रभावित 16 कृषकों में से 8-8 कृषकों के दो समूह बनाकर मत्स्य पालन की कार्य योजना बनाई गई है।

श्री चौबे ने यह भी बताया कि कन्हर नदी पर उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए अमवार बांध से प्रदेश का कुल 360.07 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुआ है जिसका नुकसान का मुआवजा 7034.30 लाख रूपये प्राप्त हो गया है।