नई दिल्ली 10 दिसम्बर।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि व्यावहारिक तौर पर मानवाधिकारों को प्रभावी ढंग से मजबूत करना संपूर्ण समाज का सामूहिक कार्य है।
श्री कोविंद ने आज यहां मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक समारोह में कहा कि महिलाओं के साथ अपराधों की घटनाएं हाल में विश्व के ज्यादातर हिस्सों में सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें लोगों को यह सोचने के लिए विवश करती हैं कि क्या समाज समान अधिकार के धरातल पर खरा उतरता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह दिवस मनाने का आदर्श तरीका यही है कि पूरा विश्व इस बात का आत्मावलोकन करे कि 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीकार की गई मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा में निर्धारित अधिकारों को बनाए रखने के लिए और क्या किया जा सकता है।राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को अपने कर्तव्यों की भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अधिकारों और कर्तव्यों को समान नजर से देखते थे।उन्होने कहा कि मानवाधिकारों पर भारत का राष्ट्रीय परिपेक्ष्य सही ढंग से केंद्रित है और इसमें कर्तव्यों को भी समान महत्व दिया जा सकता है।