नई दिल्ली 16 फरवरी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत विकास में विश्वास रखता है लेकिन वह पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है।
श्री मोदी ने आज यहां विश्व सतत विकास सम्मेलन में निष्पक्षता ,समानता और जलवायु न्याय सुनिश्चित करते हुए सतत विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत कोपेनहेगन संकल्प को पूरा करने और विषैली गैसों के उत्सर्जन में कमी करने के प्रयास कर रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान दिल्ली की गलियों से निकलकर देश के कोने-कोने तक पहुंच गया है। उन्होने कहा कि व्यापक नमामि गंगे परियोजना शुरू की जा चुकी है।श्री मोदी ने कहा कि भारत हमेशा सबके लिए सुशासन का पक्षधर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शहरीकरण के बढ़ने के साथ परिवहन के क्षेत्र में विकास भी जरूरी है,इसलिए शहरों में मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार देश के हर घर में बिजली और हर खेत में पानी पहुंचाने का प्रयास कर रही है।उन्होने कहा कि भारत दुनिया में सौर ऊर्जा का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक देश है।पर्यावरण और वन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत पृथ्वी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होने कहा कि ..हमें यह स्वीकार करना होगा कि जलवायु परिवर्तन मानव सभ्यता के जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा है। प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने का एकमात्र तरीका यही है कि पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन बनाया जाये। हमारी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।
इस सम्मेलन में विभिन्न देशों से दो हजार प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
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