नई दिल्ली 13 दिसम्बर।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि सरकार आर्थिक मुद्दों पर काम कर रही है और उद्योग जगत की समस्याओं के समाधान के उपाय जारी रखेगी।
सुश्री सीतारामन ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा ऋण-शोधन अक्षमता और दिवालिया संहिता पर तेजी से काम किया जा रहा है।उन्होने कहा कि सोमवार से बजट पूर्व विचार-विमर्श शुरू हो जाएगा।मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यन ने बताया कि आर्थिक उदारीकरण के फलस्वरूप चालू वर्ष के पहले छह महीने में सीधे तौर पर 35 अरब डॉलर की धनराशि का रिकॉर्ड विदेशी निवेश हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने गैर-प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भी विनिवेश किया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि ऋण दर तय करने वाली एजेंसियों के लिए नियम कड़े कर दिए गए हैं और सेबी ने पिछले महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के लिए के वाई सी के नियम में कई बदलावों को भी मंजूरी दी है।उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपभोग बढ़ाने पर अधिक ध्यान दे रही है।
सुश्री सीतारामन ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पुन: पूंजीकरण करने की दिशा में काम किया जा रहा है जैसा कि बजट में घोषणा की गई थी।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा ऋण देने की क्षमता को बढ़ाने, इसके लिए किसी पहलू को ध्यान में रखते हुए जिस पर ईमानदारी से आवश्यक निर्णय लेने में उन्हें काबिल बनाना है।
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