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भूपेश ने अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने के साथ ही समावेशी विकास पर दिया जोर

रायपुर/नई दिल्ली 21दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने के लिए कृषकों को उनकी उपज का लाभप्रद मूल्य देना होगा ताकि बाजार में मांग में कमी न आए। पशुपालन एवं कृषि क्षेत्र की अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देना होगा।

श्री बघेल ने आज फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) के 92वें वार्षिक सम्मेलन में इंडिया: रोड मैप टू ए पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी विषय पर संगोष्ठी में कहा कि खाद्यान्नों के उपयोग और निराकरण हेतु वैकल्पिक तरीके अपनाने होंगे।खाद्यान्नों से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने, फूड प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित करने, फूड पार्क की स्थापना, पूंजी अनुदान, ब्याज अनुदान तथा जीएसटी से राहत जैसे उपाय करने की बात कही। इस दौरान उन्होने ग्रामोद्योग, लघु वनोपजों के प्रसंस्करण, औषधि पौधों के प्रसंस्करण एवं मार्केटिंग पर अधिक जोर देने की आवश्यकता बताई।

कार्यक्रम में श्री बघेल ने उद्योगपतियों को राज्य में उद्योग लगाने का आह्वान करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ की सहयोगात्मक उद्योग नीति है, जिसमें लचीलापन है। उन्होने कहा कि देश के विकास के लिए 5 ट्रिलियन इकोनॉमी तभी फायदेमंद है, जब हम हर एक इंसान की सभी बुनियादी जरूरतें पूरा कर सकें।

प्रदेश की माओवादी समस्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का विश्वास जीतने का काम हमने किया है, जिससे समस्या में 50 फीसदी की कमी आई है। गरीबी और कुपोषण दूर करने का साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार मुहैया कराया गया है।

श्री बघेल ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार काफी काम कर रही है। इको टूरिस्म, राम वनगमन पथ की कार्ययोजना भी बनाई गयी है। बस्तर के साथ ही सरगुजा, कोरिया आदि क्षेत्रों में भी पर्यटन के क्षेत्र में काम किया जा रहा है।