नई दिल्ली 11 फरवरी। केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की पूरी कवायद के बावजूद दिल्ली में आम आदमी पार्टी(आप) ने जोरदार ढ़ग से वापसी कर ली है।पार्टी ने 62 सीटे जीतकर जहां फिर अपना जोरदार परचम लहराया,वहीं कांग्रेस अपना खाता नही खोल सकी।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली सीट से जबकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पडपड़गंज सीट से चुनाव जीत गए है।श्री सिसौदिया को हालांकि कड़े चुनावी मुकाबले का सामना करना पड़ा,और वह कम अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे।भाजपा को तमाम कोशिशों के बावजूद महज आठ सीटे जीतने में कामयाबी मिल पाई।उसे पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले पांच सीटो का फायदा हुआ है जबकि आप को पांच सीटो का नुकसान हुआ है।
भाजपा ने चुनाव को साम्प्रदायिक रूप देने की पूरी कोशिश की,और एनआरसी के खिलाफ शाहिन बाग में चल रहे धरने को अहम मुद्दा बनाने की कोशिश की,और इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ,उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उसके कई वक्ताओं ने काफी भडकाऊ भाषण दिए, जिसका कई सीटों पर असर दिखा और आप को कड़ी टक्कर मिली।
राजनीतिक जानकारों को मानना है कि साम्प्रदायिक धुव्रीकरण से भाजपा का वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा लेकिन उसे इसका नुकसान भी हुआ। भाजपा के रणनीतिकारों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनावों में दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस के चुनाव अच्छा लड़ने की स्थिति में मुकाबला त्रिकोणीय हो जायेगा जिससे इसका सीधा लाभ भाजपा को होगा,लेकिन इसकी इन कोशिशों को चलते कांग्रेस के मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग आप के साथ जुड़ गया और सीधे मुकाबला होने से भाजपा की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
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