रायपुर 28 फरवरी।छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रश्नोत्तरी में दिव्यांग को विकलांग लिखने पर कड़ी आपत्ति जताई।
प्रश्नोत्तरकाल में जनता कांग्रेस सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि वह स्वयं दिव्यांग है।केन्द्र सरकार ने विकंलाग शब्द पर प्रतिबन्ध लगा दिया है,लेकिन उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में कई बार विकंलाग शब्द का इस्तेमाल किया गया है,यह उनका अपमान है।
समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने इस पर विकंलाग शब्द को हटाकर उसे केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार दिव्यांग करने का आश्वासन दिया है।विधानसभा अध्यक्ष डा.चरण दास महंत ने इस पर मंत्री भेड़िया से पूछा कि क्या इस तरह का केन्द्र से कोई निर्देश प्राप्त हुआ है।मंत्री ने स्वीकार किया कि केन्द्र से पत्र मिला है।उन्होने कहा कि सदस्य की भावना एवं केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार विकंलाग शब्द को हटाकर उसे दिव्यांग कर दिया जायेंगा।
श्री जोगी ने इस पर कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुसार मामूली मानदेय पर काम कर रहे ग्रामीण विकलांग मितानों एवं बहुउद्देशीय पुनर्वास कार्यकर्ताओं को नियमित किए जाने की मांग की।मंत्री ने कहा कि नियमित करने का प्रकरण केवल उनके विभाग का ही नही दूसरे विभागों का ही है।इस बारे में निर्णय विचाराधीन है।तय समय सीमा बताना संभव नही है।
श्री जोगी ने कहा कि 2002 में मितानों को 400 रूपए मासिक मानदेय मिलता था, 20 वर्षों बाद भी उन्हे 400 रूपए मिल रहे है,बहुत शर्मनाक बात है।जनता कांग्रेस सदस्य धर्मजीत सिंह ने कहा कि दैनिक मजदूरी भी नही दी जा रही है,इस पर श्रमिक शोषण कानून के तहत प्रकरण बनता है।अध्यक्ष डा.महंत ने मंत्री से कहा कि वह अधिकारियों को निर्देश दे कि मितानों को अच्छा मानदेय मिले वह सुनिश्चित करे।
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