बिलासपुर 28 फरवरी।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने नौकर आत्महत्या मामले में जोगी पिता पुत्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने सम्बन्धी याचिका खारिज कर उन्हे करारा झटका दिया है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आरपी शर्मा की एकल पीठ ने आज यह निर्णय सुनाया,इससे जोगी पिता पुत्र को झटका लगा है। गत 15 जनवरी को बिलासपुर स्थित अजीत जोगी के सरकारी बंगले मरवाही सदन में उनके रसोईये कोनी थाना क्षेत्र के रमतला निवासी संतोष कौशिक उर्फ मनवा ने आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद उनके भाई कृष्ण कुमार कौशिक व अन्य परिजनों ने सिविल लाइन पुलिस के समक्ष दिये गये बयान में कहा था कि अजीत जोगी, अमित जोगी और बंगले में मौजूद स्टाफ द्वारा मृतक पर चोरी का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा था।
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जोगी पिता पुत्र के खिलाफ मृतक संतोष कौशिक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अपराध दर्ज कर लिया था।
पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर अजीत जोगी, अमित जोगी ने हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब आत्महत्या की घटना हुई वे बंगले में नहीं थे। अमित जोगी मुम्बई में थे तथा अजीत जोगी भी बिलासपुर से बाहर थे। राजनैतिक प्रतिशोध के कारण पुलिस पर दबाव डालकर उनके खिलाफ अपराध दर्ज कराया गया है।याचिका पर सुनवाई पहले ही पूरी हो गई थी। अदालत ने आज निर्णय़ सुनाया।
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