रायपुर 04 मार्च।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा सदस्य डा.रमन सिंह ने आज विधानसभा में भूपेश सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार के वित्तीय कुप्रबन्ध के कारण का राज्य का वित्तीय घाटा एफआरवीएम एक्ट की तीन प्रतिशत की सीमा से अधिक हो गया है।
डा.सिंह ने आज विपक्ष की ओर से बजट पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि राज्य सरकार की अदूरदर्शी नीतियों के चलते नीति आयोग के शिक्षा,स्वास्थ्य,अद्योसंरचना एवं कृषि क्षेत्रों के सम्मिलित मापदण्डों में राज्य 21वें स्थान पर पहुंच गया है।जबकि 2018 में राज्य 15वें स्थान पर था। उन्होने कहा कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से भी इन मापदण्डों में पिछड़ जाना राज्य के लिए शर्मनाक है।
उन्होने कहा कि सरकार बराबर कहती रहती है कि उसने किसानों के लिए बहुत कुछ किया है। 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 16.11 प्रतिशत हैं जबकि 2017-18 में यह योगदान 22.16 प्रतिशत था।कृषि क्षेत्र में किए कार्यों की यह हकीकत बया कर रहा है।उन्होने कहा कि राज्य का वित्तीय घाटा एफआरवीएम एक्ट की तीन प्रतिशत की सीमा से अधिक हो गया है।
डा.सिंह ने बजट में राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी नरवा,गरूवा,घुरूवा,बारी योजना के लिए एक भी रूपए का प्रावधान नही किए जाने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि इसके लिए केन्द्र की योजना मनरेगा के अभिसरण से राशि की व्यवस्था की गई है।उन्होने बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए भी धनराशि का समुचित प्रावधान नही किए जाने तथा नए प्राथमिक,माध्यमिक,हाईस्कूल के लिए भी कोई प्रावधान नही होने की आलोचना की।