नई दिल्ली 18 मार्च।उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दूरसंचार कम्पनियां अपने बकाया एजीआर के बारे में स्वयं कोई पुर्नआकलन नहीं कर सकती।ऐसा करने पर उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी माना जायेगा।
न्यायालय ने कहा कि बकाया ए जी आर के मामले में उसका निर्णय अंतिम है और उसका अक्षरश: पालन होना चाहिए।
न्यायालय ने इस मामले पर समाचार पत्रों में छपे लेखों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि दूरसंचार कम्पनियों के प्रबंध निदेशक इस तरह के लेख लिखने पर निजी रूप से जिम्मेदार माने जायेंगे और उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई की जायेगी।